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सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार को गुवाहाटी हाईकोर्ट से बड़ी राहत, याचिका बंद करने का आदेश

इसी खंडपीठ ने 19 नवंबर को कुमार को पेश होने का आदेश दिया था और 26 नवंबर को कहा था कि अगर वह पेश नहीं हुए तो उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जाएगा.

Updated on: 28 Nov 2019, 09:10 PM

गुवाहाटी:

गुवाहाटी उच्च न्यायालय (Gauhati High Court) ने ‘सुपर 30’ (Super 30) के संस्थापक आनंद कुमार (Anand Kumar) के खिलाफ चार छात्रों द्वारा दायर जनहित याचिका (PIL) पर आगे की कार्यवाही बृहस्पतिवार को बंद करने का आदेश दिया. याचिका में आरोप लगाया गया था कि कुमार ने ‘सुपर 30’ (Super 30) में दाखिला दिलाने (Admission In Super 30) के नाम पर उनके साथ धोखाधड़ी (Cheating) की. अदालत ने याचिकाकर्ता आईआईटी गुवाहाटी (IIT Gauhati) के चारों छात्रों को हालांकि उस अदालत में याचिका दायर करने की अनुमति दे दी जिसके क्षेत्राधिकार में पटना आता है. अदालत ने इसके बाद याचिका वापस लिया हुआ मानकर मामले को बंद करने का आदेश दिया.

गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अजय लांबा एवं न्यायमूर्ति ए एम बुजरबरुआ की खंडपीठ ने कुमार के खिलाफ दायर जनहित याचिका में कही गयी बातों, आनंद कुमार, बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक अभयानंद और अन्य छात्रों द्वारा दायर हलफनामे को ध्यान में रखते हुए यह आदेश दिया. याचिका में छात्रों ने यह दावा किया कि कुमार ने ‘सुपर 30’ के नाम पर उनके साथ ‘‘धोखाधड़ी’’ की.

आदेश का अनुपालन करते हुए आनंद कुमार गुवाहाटी उच्च न्यायालय में पेश हुए और पहले के निर्देशानुसार मंगलवार को पीठ के समक्ष व्यक्तिगत तौर पर पेश नहीं होने के लिए अदालत से माफी मांगी. कुमार ने उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार बिहार के इन छात्रों एवं उनके अभिभावकों के लिये 50,000 रुपये जमा कराये. इसी खंडपीठ ने 19 नवंबर को कुमार को पेश होने का आदेश दिया था और 26 नवंबर को कहा था कि अगर वह पेश नहीं हुए तो उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जाएगा.

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कुमार की संस्था हर साल आर्थिक रूप से कमजोर तबके के 30 छात्रों का चयन करती है और आईआईटी में दाखिला के मकसद से जेईई प्रवेश परीक्षा के लिए उन्हें प्रशिक्षित करती है. आईआईटी-जी के चार छात्रों की ओर से पेश हुए वकील अमित गोयल ने कहा कि छात्रों ने अदालत के समक्ष आरोप लगाया है कि कुमार ने 2018 में उनके ‘सुपर 30’ से आईआईटी प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले 26 छात्रों के नाम का खुलासा नहीं किया है.

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याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि आनंद कुमार के गलत जानकारी देने के कारण हर साल देश के विभिन्न हिस्सों से कई छात्र पूरी निष्ठा से उनके पास जाते हैं और उम्मीद करते हैं कि वह आईआईटी उत्तीर्ण करने में उनकी मदद करेंगे. याचिका के अनुसार आईआईटी में उत्तीर्ण करने के आकांक्षी ये छात्र पटना पहुंचकर उनके कोचिंग ‘इंस्टीट्यूट रामानुजम स्कूल ऑफ मैथेमैटिक्स’ में दाखिला लेते हैं और हर किसी से 33,000 रुपये लिया जाता है.

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याचिका में अन्य प्रतिवादी ‘सुपर 30’ के सह-संस्थापक एवं बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक अभयानंद ने उच्च न्यायालय में दायर अपने हलफनामे में कहा कि उन्होंने ‘‘समाज की समस्याओं के समाधान के लिये ‘सुपर 30’ के नेक कार्यक्रम का विचार किया था. आनंद कुमार की गणितीय विचार प्रक्रिया में कमियां थीं.’’ अभयानंद ने यह भी दावा कि कुमार के नाम पर बनी फिल्म ‘सुपर 30’ में उनका कोई जिक्र नहीं है. यह फिल्म इस साल सिनेमाघरों में रिलीज हुई और हिट रही. वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. अशोक सराफ ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वकील अमित गोयल का सहयोग किया, जबकि वरिष्ठ अधिवक्ता निलय दत्ता आनंद कुमार की ओर से और वरिष्ठ अधिवक्ता के एन चौधरी अभयानंद की ओर से उच्च न्यायालय में पेश हुए.