logo-image

बिहार में RJD ने नागरिकता बिल को बनाया सबसे बड़ा मुद्दा, 'बिहार बंद' से दिखाएगी ताकत

नागरिकता संशोधन विधेयक ने अब कानून का रूप ले लिया है, मगर देश में इस कानून का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. बिहार में भी इस बिल को लेकर सियासत गर्म है.

Updated on: 15 Dec 2019, 01:04 PM

पटना:

नागरिकता संशोधन विधेयक ने अब कानून का रूप ले लिया है, मगर देश में इस कानून का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. बिहार में भी इस बिल को लेकर सियासत गर्म है. इस मुद्दे पर विपक्ष खुलकर सड़कों पर उतर चुका है, जिसमें राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) मुख्य भूमिका निभा रहा है. संसद में भी आरजेडी ने बिल के खिलाफ आवाज उठाई तो बिहार की सड़कों पर खूब विरोध प्रदर्शन किया. पार्टी ने इसे ही अपना सबसे बड़ा हथियार बना लिया है. इतना ही नहीं अब आरजेडी ने 21 दिसंबर को बिहार बंद का आह्वान किया है. जिसे आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले आरजेडी के 'शक्ति प्रदर्शन' के रूप में देखा जा रहा है. जिससे उसे भी अपनी ताकत का भी अंदाजा चल पाएगा.

यह भी पढ़ेंः प्रशांत किशोर का अब NRC पर वार, बोले- यह नागरिकता की नोटबंदी जैसा

वैसे तो देश के कई हिस्से इस बिल के विरोध में जल रहे हैं. कई जगहों से हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं. बिहार में भी कई जगह प्रदर्शन हुए हैं. राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले विपक्ष के हाथ यह बड़ा चुनावी मुद्दा लग गया है. लिहाजा बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी इस मौके का पूरा लाभ उठाना चाहती है. हाल ही में लालू प्रसाद यादव ने एक इमोशनल ट्वीट कर खुद को अल्पसंख्यकों का संरक्षक बताने की कोशिश की. इससे अंदाजा लगाया जाने लगा कि आरजेडी बिल का विरोध करके अल्पसंख्यकों का पूरा ध्यान अपनी ओर खींचने में लगी है. 

अगर बिहार में मुसलमानों की बात की जाए तो राज्य में तकरीबन 18 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है. जानकारों का कहना है कि 1990 से लेकर अब तक अधिकतर मुस्लिम वोट राष्ट्रीय जनता दल के पक्ष में ही जाते हैं. 1989 के भागलपुर दंगों के बाद मुस्लिमों ने कांग्रेस के खिलाफ वोट करके राज्य में लालू यादव की सरकार बनाने में भूमिका निभाई थी. राजद प्रमुख को भी 'मुस्लिम-यादव' फॉर्मूला मिल गया था, जो काफी हद तक कारगर साबित हुआ. लालू ने 15 सालों तक बिहार की सत्ता पर राज किया. अभी उनकी पार्टी विपक्ष में है. ऐसे में चुनावी माहौल बनाते हुए राजद सभी मुस्लिमों पर अपनी पकड़ को मजबूत करना चाहती है.

यह भी पढ़ेंः राहुल पर गिरिराज सिंह का बड़ा हमला- उधार के 'सरनेम' से कोई गांधी नहीं होता

गौरतलब है कि जब से संसद में यह बिल लाया गया, तब से राष्ट्रीय जनता दल इसका पुरजोर विरोध कर रहा है. पिछले दिनों पटना में राजद नेता सड़कों पर उतरे. तेजस्वी यादव ने दल के विधायकों और कार्यकर्ताओं के साथ पटना के गांधी मैदान पर सड़क के किनारे धरना दिया. राजद ने संविधान की प्रस्तावना 'वी द पीपुल' को 'वी द हिंदू' से बदलने की कोशिश करने का आरोप लगाया. इस मुद्दे को गरम बना रखने के लिए लालू प्रसाद की पार्टी ने अब कानून के विरोध में 21 दिसंबर को बिहार बंद का आह्वान किया है. राजद का आरोप है कि इस कानून से संविधान का उल्लंघन हुआ है. लेकिन आरजेडी के 'बिहार बंद' के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि चुनाव का ध्यान में रखकर आरजेडी इस 'बिहार बंद' के जरिए अपना 'शक्ति प्रदर्शन' करेगी.