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महागठबंधन में CM फेस पर रार: तेजस्वी पर घटक दलों में असमंजस, कांग्रेस ने उछाला यह नाम

महागठबंधन में अब तक मुख्यमंत्री प्रत्याशी को लेकर एक राय नहीं बन सकी है.

Updated on: 19 Jan 2020, 10:37 AM

पटना:

बिहार (Bihar) में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) को लेकर सत्ताधारी जनता दल (युनाइटेड), लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में एकमत हैं. भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2020 के विधानसभा चुनावों में राजग गठबंधन का नेतृत्व करेंगे. लेकिन भाजपा गठबंधन को सत्ता से हटाने की बात करने वाले विपक्षी दलों के महागठबंधन (Mahagathbandhan) में अब तक मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर सहमति नहीं बन सकी है. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने हालांकि पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को अगले चुनाव के लिए मुख्यमंत्री प्रत्याशी बनाए जाने की घोषणा कर दी है, लेकिन महागठबंधन के अन्य घटक दल इस पर सहमत नहीं दिख रहे हैं. 

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महागठबंधन में अब तक मुख्यमंत्री प्रत्याशी को लेकर एक राय नहीं बन सकी है. महागठबंधन घटक दल कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के इस मुद्दे पर अलग-अलग रुख हैं. राजद ने हालांकि यह स्पष्ट कर दिया है कि घटक दलों को तेजस्वी को मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में स्वीकार करना होगा. राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने स्पष्ट कहा कि हम गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी हैं. तेजस्वी जी विपक्ष के नेता भी हैं. झारखंड में भी गठबंधन के सबसे बड़े दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता को मुख्यमंत्री प्रत्याशी बनाया गया था. वहीं बिहार प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष मदन मोहन झा कहते हैं कि यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है. अभी चुनाव में देरी है. हम लोग मई में नेतृत्व के मुद्दे पर चर्चा करेंगे. बैठक होनी है. हम इस पर अभी विचार कर रहे हैं. 

इस बीच, कांग्रेस ने सासाराम से सांसद रहीं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए उठा कर नई बहस छेड़ दी है. कांग्रेस विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्र ने कहा कि कांग्रेस में चेहरों की कमी नहीं है. उन्होंने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को बिहार का बड़ा चेहरा बताते हुए कहा कि राजद के साथ विचारधारा को लेकर गठबंधन है. पार्टी हर जिम्मेदारी उठाने को तैयार है. रालोसपा के महासचिव राहुल कुमार ने कहा, 'हम एक साथ बैठेंगे और नेतृत्व के मुद्दे पर चुनाव के पहले सहमति बनाई जाएगी. राजग ने शिवसेना (महाराष्ट्र में) के साथ गठबंधन में अपना नेता तय किया था. हर कोई जानता है कि चुनाव के बाद क्या हुआ. कम से कम ऐसी स्थिति महागठबंधन में नहीं होगी.'

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हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान भी इस पर ज्यादा कुछ नहीं बोले. उन्होंने कहा कि तेजस्वी के अलावा महागठबंधन में मुख्यमंत्री प्रत्याशी के रूप में अब तक कोई सामने नहीं आया है. इस मुद्दे पर राजद से बात हुई है, राजद ने बैठक कर सब कुछ तय करने का आश्वासन दिया है. हम के प्रमुख जीतन राम मांझी भी कई बार सार्वजनिक मंचों से तेजस्वी यादव की आलोचना कर चुके हैं. हालांकि राजद के प्रवक्ता तिवारी यह भी कहते हैं, 'महागठबंधन घटक दलों की बैठक को लेकर कहीं कोई समस्या नहीं है. बैठक तो होगी ही. तेजस्वी जी के नाम पर कोई समझौता नहीं हो सकता.'

बहरहाल, राजद ने भले ही तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर चुनाव मैदान में उतरने की रणनीति बनाई हो, लेकिन महगठबंधन में शामिल घटक दल अभी भी इस मुद्दे को लेकर आपस में बातचीत करने की बात कर रहे हैं. ऐसे में संभावना है कि घटक दल चुनाव पूर्व दबाव बनाने की रणनीति के तहत बयानबाजी कर रहे हों, लेकिन इतना तो तय है कि महागठबंधन में मुख्यमंत्री के चेहरे के लेकर अभी तक एकराय नहीं बन पाई है.