logo-image

पर्यावरण जागरूकता के लिए ग्राम पंचायतों में होंगे 'पर्यावरण प्रहरी'

बिहार में ग्राम पंचायत स्तर पर लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए 'पर्यावरण प्रहरी' की नियुक्ति की जाएगी.

Updated on: 03 Dec 2019, 01:56 PM

पटना:

बिहार में ग्राम पंचायत स्तर पर लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए 'पर्यावरण प्रहरी' की नियुक्ति की जाएगी. ये प्रहरी जहां पंचायतों में हरित आवरण बढ़ाने में लोगों की मदद करेंगे, वहीं पर्यावरण के बारे में लोगों को जागरूक करेंगे. इनकी नियुक्ति पंचायत स्तर पर ग्रामसभा के अनुमोदन से की जाएगी.

यह भी पढ़ेंः पटना मेट्रो के लिए जापान की जाइका से मिलेगा 5400 करोड़ रुपये का कर्ज

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में अगले साल 9 अगस्त को पौधरोपण महाअभियान होना है. इसके तहत राज्य में एक ही दिन में दो करोड़ से अधिक पौधों का रोपण किया जाएगा, जिसे लेकर तैयारियां की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि इसी को लेकर पंचायतस्तर पर पर्यावरण प्रहरी बनाए जाएंगे. विभाग का मानना है कि ग्राम पंचायत स्तर पर ऐसे लोगों को 'पर्यावरण प्रहरी' के रूप में चयनित किया जाएगा, जो पर्यावरण के प्रति खुद जागरूक हों. इस अभियान के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर सभी अस्पतालों, स्कूल परिसरों, थाना परिसर और पंचायतों की भूमि को चिह्न्ति किया जाएगा. 

पर्यावरण प्रहरी को इसके लिए कोई मानदेय या भत्ता देने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है. यह पद पूरी तरह अवैतनिक होगा. हालांकि विभाग ऐसे प्रहरियों को प्रमाण पत्र देकर प्रोत्साहित करेगी. विभाग के अधिकारी ने कहा, 'इस अभियान के लिए कई पंचायतों में पंचायत पौधरोपण समिति बनाई गई है, जो पंचायत स्तर पर एवं प्रखंड वृक्षारोपण समिति प्रखंड स्तर पर कार्य करेगी. पौधे वन विभाग से या स्थानीय नर्सरी से उपलब्ध कराए जाएंगे. इसके लिए 31 मार्च से 15 जून, 2020 तक गढ्डे की खुदाई कर लेनी है. पौधों की सुरक्षा के लिए पंचायत स्तर पर एक पर्यावरण प्रहरी की नियुक्ति ग्रामसभा के अनुमोदन से की जाएगी.'

यह भी पढ़ेंः Success Story : पिता कोर्ट में थे चपरासी, अब बिटिया बनी जज!

उधर, नीतीश कुमार ने आज से अपनी 'जल-जीवन-हरियाली' यात्रा की शुरुआत कर दी है. पार्टी प्रवक्ता राजीव रंजन के मुताबिक, इस 'जल-जीवन-हरियाली' यात्रा के क्रम में लोगों को जल और हरियाली के विषय में जागरूक किया जाएगा. बिहार में पहले 15 फीसदी जमीन पर हरियाली, पेड़-पौधे हैं, लेकिन अब इसे अगले कुछ सालों में 17 प्रतिशत करने की योजना है. इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना है. बता दें कि इससे पहले भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यात्राओं पर निकलते रहे हैं. इस दौरान उनका जुड़ाव सीधे जनता से होता है. वह जनता से मिले सुझावों को लागू भी करते हैं.

यह वीडियो देखेंः