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प्रशांत किशोर ने PM मोदी पर बोला हमला, कहा- लॉकडाउन है पूरी तरह अस्तव्यस्त, इसलिए

रणनीतिकार प्रशांत किशोर (prashant kishore) ने कोरोना वायरस (Corona Virus) महामारी के प्रति सरकार की कार्रवाई की शनिवार को आलोचना की.

Updated on: 28 Mar 2020, 08:44 PM

दिल्ली:

रणनीतिकार प्रशांत किशोर (prashant kishore) ने कोरोना वायरस (Corona Virus) महामारी के प्रति सरकार की कार्रवाई की शनिवार को आलोचना की और आरोप लगाया कि लॉकडाउन ‘बिल्कुल अस्तव्यस्त’रहा है तथा जरूरतमंद लोगों के लिए उपचार एवं देखभाल की सुविधाएं नदारद हैं. जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के पूर्व नेता ने ट्वीट किया कि हमारी उम्मीदों के अनुसार कटु सच्चाई यह है कि कोविड के प्रति भारत की जवाबी कार्रवाई बस एक अस्तव्यस्त लॉकडाउन पर निर्भर रहने से बेहतर होना चाहिए.

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उन्होंने कहा कि फिलहाल प्रति 10 लाख लोगों में दस से भी कम कोविड परीक्षण हो रहे हैं. जिन लोगों को जरूरत है उनके लिए कोविड उपचार और देखभाल सुविधाएं नहीं के बराबर हैं. भारत बेहतर का हकदार है. अपने ट्वीटों में प्रशांत किशोर लॉकडाउन के चलते प्रवासियों के सामने आ रही कठिनाइयों को सामने रख रहे है और उनकी दुर्दशा से निपटने में लगे अधिकारियों की (उनके तौर तरीकों को लेकर) आलोचना की.

संशोधित नागरिकता कानून, एनपीआर और एनआरसी को लेकर भाजपा और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार की निरंतर आलोचना करने के चलते किशोर को जदयू से निकाल दिया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की ओर से मंगलवार को 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित किये के बाद किशोर ने इसे थोड़ा लंबा बताया था और सरकार की आलोचना की थी.

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कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच भारत ने आगे कठिन चुनौतियों के लिए कमर कसी

वहीं, कोरोना वायरस संक्रमण के सामुदायिक संचार (कम्युनिटी ट्रांसमिशन) स्तर तक पहुंचने के खतरे के बीच भारत विभिन्न राज्यों में प्रभावित रोगियों के लिए अलग अस्पताल की व्यवस्था करने, वेंटिलेटरों की खरीद बढ़ाने और किसी भी स्थिति से निटपने के लिए रेलवे और सशस्त्र बलों के संसाधनों का इस्तेमाल करने सहित कई उपाय कर रहा है. इसके अलावा स्वास्थ्य क्षेत्र में ढांचागत निर्माण को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. दे

देश में अभी तक कोरोना वायरस के 873 मामले सामने आए

देश में अभी तक कोरोना वायरस के 873 मामले सामने आए हैं और इससे 19 लोगों की मौत हो चुकी है. भले ही स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) कहते रहे हों कि अभी तक सामुदायिक स्तर पर इसके प्रसार का ‘‘कोई ठोस साक्ष्य’’ नहीं है लेकिन सरकार ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य ढांचे में तेजी लाना शुरू कर दिया है. कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए भारत में मंगलवार की रात से ही 21 दिनों का बंद है.