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शाह के दौरे से बिहार में बिछी सियासी बिसात, 'शह-मात' का होगा खेल

सीएए और एनआरसी जैसे मुद्दों पर देश के साथ बिहार में भी चर्चाओं, प्रदर्शन और बहस का दौर जारी है.

Updated on: 17 Jan 2020, 02:29 PM

पटना:

बिहार (Bihar) में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. चुनावी साल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और देश के गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) के जन जागरण सभा ने ठंड के मौसम में सियासी गर्माहट ला  दी है. कांग्रेस और लालू यादव कंपनी पर दंगे से लेकर पाकिस्तानी भाषा बोलने के साथ पाकिस्तान (Pakistan) में हिन्दुओं की घट रही संख्या पर अमित शाह का मांगा गया जवाब बिहार की सियासत को गर्म करने को काफी था. शाह तो गये मगर बिहार में अब सियासी संग्राम छिड़ गया है. सीएए (CAA) और एनआरसी (NRC) जैसे मुद्दों पर देश के साथ बिहार में भी चर्चाओं, प्रदर्शन और बहस का दौर जारी है. इन मुद्दों पर यहां राजनीति तेज है.

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अमित शाह का गुरुवार को वैशाली की ऐतिहासिक धरती पर सीएए के पक्ष में की गई जन जागरण सभा का असर बिहार के राजनीतिक गलियारे में दिखने लगा है. अमित शाह बिहार में थे तो उनके निशाने पर राहुल गांधी के साथ लालू प्रसाद यादव रहे. आरोप ये लगाया कि कुछ लोग महज वोट बैंक की नजर से उसे देखते हैं, जिनको अपना उल्लू सीधा करना है वो लोगों को गुमराह कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में लालू यादव और राहुल बाबा को बताने आया हूं लोगों को गुमराह ना करें. केजरीवाल और ममता दीदी को भी बताने आया हूं. बिहार के मुसलमानों को बताने आया हूं कि किसी की नागरिकता नहीं छीनी जा रही है.

कांग्रेस और राजद को अमित शाह तो कटघरे में खड़ा कर चले गये, मगर अब बिहार की सियासत गर्म हो गई. बिहार में जो मुद्दा वो बना गए, उसमें पाकिस्तान भी था और विपक्ष पर खास कर पकिस्तान की भाषा बोलने का आरोप था. ऐसे में बिहार में कांग्रेस के नेताओं ने शुक्रवार को खोला मोर्चा. एआईसीसी के प्रवक्ता और कांग्रेस एम.एल.सी प्रेमचंद मिश्रा ने अमित शाह पर बिहार में आकर राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अमित शाह ने देशभर में आक्रोश का समाधान नहीं बताया. कांग्रेस ने हमेशा शरणार्थियों को जगह देने का समर्थन किया. प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि जिनके डीएनए में दंगा, वो हम पर दंगा करवाने का आरोप लगा रहे हैं. ये काम आरएसएस करते रही है.

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अमित शाह ने अपने भाषण में राहुल गांधी के बराबर लालू यादव का लिया नाम. देश के बिगडे माहौल और बिहार के पिछड़ापन के लिये लालू यादव को कटघरे में खड़ा करते रहे और ये बात अब राजद के नेताओं को नगवार गुजरी. पार्टी के प्रवक्ता मृत्युन्जय तिवारी ने अमित शाह को चुनौती दी है कि लालू प्रसाद की पार्टी राजद से बीजेपी अकेले चुनाव लड़ ले. लालू प्रसाद के जनाधार को अमित शाह भी जानते हैं और इसलिये बार-बार ये लोग लालू यादव का नाम लेते हैं. उन्होंने कहा कि जेल में बंद लालू ने झारखंड की झांकी दिखा दी है, अब बिहार बाकी है.

मसलन विपक्षियों को जवाब देने के लिए बीजेपी के नेता भी आ गए हैं. बीजेपी नेता कांग्रेस को फिर से पाकिस्तान की भाषा बोलने वाली पार्टी बता रहे हैं. बिहार सरकार के पथ निर्माण मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता नंद किशोर यादव ने पूछा सवाल कि क्या पकिस्तान में अल्पसंख्यकों की रक्षा करना गलत है. उन्होंने भी जनता के जवाब के लिए विपक्ष को इस साल होने वाले बिहार के चुनाव का इंतजार करने को कहा है. बहरहाल, बिहार में राजनीतिक बिसात अमित शाह ने बिछा दी है. अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं को लैस भी कर दिया है. लिहाजा अब बिहार में शह और मात का ये खेल और जोर पकड़ेगा. सीएए इस चुनावी साल में बिहार में भी बड़ा मुद्दा रहेगा.

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