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पप्पू यादव ने किया दावा, प्रदर्शन में शामिल होने से रोकने के लिए किया गया उन्हें नजरबंद

जन अधिकार पार्टी (जैप) के अध्यक्ष राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने मंगलवार को दावा किया कि स्थानीय प्रशासन ने उन्हें घर में इसलिए नजरबंद कर दिया है ताकि संशोधित नागरिकता अधिनयम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के विरोध में होने वाले प्रदर्शन में

Updated on: 17 Dec 2019, 11:35 PM

पटना:

जन अधिकार पार्टी (जैप) के अध्यक्ष राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने मंगलवार को दावा किया कि स्थानीय प्रशासन ने उन्हें घर में इसलिए नजरबंद कर दिया है ताकि संशोधित नागरिकता अधिनयम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के विरोध में होने वाले प्रदर्शन में शामिल होने से उन्हें रोका जा सके. हालांकि, पटना पुलिस ने कहा कि उन्हें घर के भीतर नजरबंद नहीं किया गया बल्कि शांति बहाली और सुरक्षा के दृष्टिकोण से एहतियात के तौर पर उठाया गया एक कदम है.

पप्पू यादव (Pappu yadav) ने ट्वीट कर दावा किया है 'मुझे अपने ही घर में नजरबंद कर दिया है. तीन थानों के निरीक्षक, सिटी मजिस्ट्रेट यहां जमे हुए हैं. धारा 107 लगा, एनआरसी-नागरिकता संशोधन कानून के विरोध एवं संविधान बचाने की मेरी लड़ाई को रोकने के लिए मुझे अपने ही घर में कैदी बना दिया गया है. लेकिन हम न डरेंगे, न झुकेंगे, बेइमानों से लड़ते रहेंगे. उन्होंने अपने घर की एक तस्वीर भी ट्विटर हैंडल पर डाली है. इसमें उनके साथ दो पुलिस अधिकारी और सादे लिबास में एक दंडाधिकारी उनके घर में बैठे दिखाया गया है.

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विपक्षी दल यथा जैप, राजद, कांग्रेस, रालोसपा,वामपंथी पार्टियां और अन्य संगठनों का एनआरसी और नागरिकता संशोधित कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है. पुलिस अधीक्षक (नगर) विनय तिवारी ने कहा कि यह नजरबंदी (हाउस अरेस्ट) नहीं, बल्कि प्रतिबंधात्मक उपाय के रूप में अनुमंडलीय दंडाधिकारी द्वारा सीआरपीसी की धारा 107 के तहत कार्रवाई की गयी है. उन्होंने कहा कि पुलिस को जानकारी मिली थी कि वह (पप्पू यादव) छात्रों के साथ विरोध के दौरान गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं, इसलिए यह निवारक उपाय किया गया है.