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बिहार में शुरू हो चुका है NRC का काम? अधिकारी की चिट्ठी ने खोला राज

राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लेकर एक ओर जहां पूरे देश में हंगामा मचा हुआ है, वहीं बिहार (Bihar) में अब एक पत्र को लेकर राजनीतिक तेज हो गई है.

Updated on: 01 Feb 2020, 08:20 AM

पटना:

राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लेकर एक ओर जहां पूरे देश में हंगामा मचा हुआ है, वहीं बिहार (Bihar) में अब एक पत्र को लेकर राजनीतिक तेज हो गई है. पटना जिले के मोकामा के प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) ने 'एनआरसी' को लेकर एक पत्र ही जारी कर दिया. हालांकि बाद में इस पत्र को रद्द कर दिया गया. पटना (Patna) के मोकामा प्रखंड के बीडीओ सतीश कुमार ने अपने प्रखंड के तीन स्कूलों के प्राचार्य के नाम से पत्र लिखा था. वास्तव में यह पत्र 'रिमांडर पत्र' के तौर पर जारी किया गया, जिसमें बीडीओ ने एनआरसी के काम के लिए हर स्कूल से दो-दो शिक्षकों के नाम मांगे गए.

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बीडीओ की ओर से जारी पत्र में गांधी उच्च विद्यालय, रामपुर (डुमरा), उच्च विद्यालय, मरांची और भगवती उच्च विद्यालय, मोर के प्राचार्य को पुनप्रषित पत्र में दो-दो शिक्षकों के नाम मांगे गए. कहा गया, 'इसके पहले 18 जनवरी को पत्र भेजा गया था. लेकिन 10 दिनों के बाद भी इस पर संज्ञान नहीं लिया गया. एनआरसी के लिए शिक्षकों का नाम नहीं भेजने वाले स्कूलों के प्राचार्य किसी खास राजनीतिक दल से प्रेरित होकर उसका विरोध करते दिख रहे हैं.' 

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सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस पत्र में तीनों प्राचार्यो को चेतावनी दी गई है कि वे 24 घटे के अंदर शिक्षकों के नाम भेजें, अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. यह पत्र 28 जनवरी को जारी हुआ था. इधर, मोकामा के बीडीओ से इस पत्र के संबंध में जब बात की गई, तब उन्होंने स्पष्ट कहा कि इसके लिए पत्र ड्राफ्ट करने वाले कर्मचारी से स्पष्टीकरण पूछा गया है. उन्होंने इस पत्र को मानवीय भूल मानते हुए कहा कि पत्र में गलती के संज्ञान में आने के तत्काल बाद ही उसे निरस्त कर नया पत्र जारी किया गया है. इस पुराने पत्र के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विपक्ष अब नीतीश सरकार पर निशाना साध रहा है.