नीतीश सरकार को आई लॉकडाउन में फंसे बिहारियों की याद
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ये निर्णय लिया है कि मुख्यमंत्री राहत कोष से 100 करोड रुपए जारी किए जाएं.
पटना:
बिहार सरकार (Bihar Govt) लॉकडाउन (बंद) के कारण दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों का खर्च उठाएगी. बिहार सरकार को अब उन लोगों की चिंता सता रही है, जो राज्य के अंदर और बाहर लॉक डाउन की वजह से फंसे हुए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की अध्यक्षता में कोरोना संक्रमण और लॉक डाउन से उतपन्न स्थिति पर एक उच्च स्तरीय बैठक की गई. बैठक में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, जल संसाधन मंत्री संजय झा, मुख्य सचिव दीपक कुमार और डीजीपी समेत अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे.
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ये निर्णय लिया है कि मुख्यमंत्री राहत कोष से 100 करोड रुपए जारी किए जायें. इस राशि का इस्तेमाल रिक्शा चालक, ठेला चालक या दैनिक ऐसे मजदूरों के लिए किया जाएगा, जो लॉक डाउन की वजह से खाने या रहने की समुचित व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे लोगों के लिए राज्य के अलग-अलग हिस्सों में आपदा राहत केंद्र बनाया जाएगा और यहीं पर इनके रहने और खाने की व्यवस्था की जाएगी.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कोरोना संक्रमण के कारण लोगों के फंसे होने की स्थिति को आपदा मान रही है और ऐसे लोगों की मदद उसी तरह की जाएगी जैसे अन्य आपदा पीड़ितों की होती है. इसी तरह बिहार के लोग जो बिहार के बाहर अन्य राज्यों में काम करते हैं और वे लॉक डाउन के कारण वहन के शहरों में फंसे हुए हैं या रास्ते में हैं, उनके लिए भी राज्य सरकार दिल्ली में पदस्थापित स्थानीय आयुक्त के माध्यम से सम्बंधित राज्य सरकारों से समन्वय स्थापित कर भोजन और आवासन की व्यवस्था करेगी.
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