मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: SC ने पटना हाई कोर्ट के नई सीबीआई टीम गठन के फैसले पर लगाई रोक
सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए कहा कि अगर जरूरत महसूस हुई तो वो पटना हाई कोर्ट से लंबित मामले को अपने पास ट्रांसफर कर लेगा।
पटना:
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप केस मामले में जांच के लिए सीबीआई को नई टीम गठित करने के पटना हाई कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी. सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए कहा कि अगर जरूरत महसूस हुई तो वो पटना हाई कोर्ट से लंबित मामले को अपने पास ट्रांसफर कर लेगा औऱ खुद इस मामले की मॉनिटरिंग करेगा. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कहा गया कि सीबीआई के डायरेक्टर की तरफ से गठित की गई टीम में फेरबदल की जरूरत नहीं क्योंकि ऐसा करने से जांच और पीड़ित के हित प्रभावित होंगे.
गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम यौण सोशन मामले में पटना हाई कोर्ट ने जांच में ढिलाई को लेकर कड़ी फटकार लगाई थी और आदेश दिया था कि एसआईटी गठित कर केस की नए सिरे से जांच की जाए.
और पढ़ें: मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड मामले में पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के खिलाफ सीबीआई ने दर्ज किया FIR
जांच के बीच में अधिकारी के ट्रांसफर पर कोर्ट ने उठाए सवाल
हाई कोर्ट ने इस मामले में बीच में ही जांच अधिकार के तबादले पर सवाल उठाते हुए कहा जब राज्य सरकार की विश्वसनीयता दांव पर लगी हुई है तो ऐसे में जांच अधिकारी का तबादला कैसे हो गया. कोर्ट ने सीबीआई को इसमें स्थिति साफ करने को कहा है.
कोर्ट ने सीबीआई की अब तक की जांच पर असंतुष्टि जताते हुए कहा मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी. ऐसे में एजेंसी को हर तारीख पर जांच रिपोर्ट सौंपनी होगी. अब इस मामले की अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी.
मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के बेटे से भी पूछताछ कर चुकी है सीबीआई
सीबीआई शेल्टर होम के मुख्य संचालक और इस कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के बेटे को बालिका आश्रय गृह पूछताछ के बाद हिरासत में ले लिया था. जानकारी के मुताबिक, सीबीआई ने करीब 12 घंटों तक राहुल से पूछताछ की.
पूछताछ के बाद सीबीआई बालिका गृह से राहुल को लेकर निकल गई. सीबीआई की टीम बालिका गृह में अपने साथ जेसीबी मशीन लेकर पहुंची थी.इससे पहले भी जेसीबी मशीन से खुदाई की गई थी, लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ था. इस बात का अनुमान लगाया जा रहा है कि आश्रय गृह में फिर से खुदाई की जा सकती है.
कैसे आया मामला सामने ?
गौरतलब है कि 'सेवा संकल्प एवं विकास समिति' द्वारा संचालित बालिका आश्रय गृह में 34 लड़कियों से दुष्कर्म की बात एक सोशल अडिट में सामने आई थी.
बिहार समाज कल्याण विभाग ने मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) द्वारा बिहार के सभी आश्रय गृहों का सर्वेक्षण करवाया था, जिसमें यौन शोषण का मामला उजागह हुआ था. इस सोशल ऑडिट के आधार पर मुजफ्फरपुर महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Maa Lakshmi Puja For Promotion: अटक गया है प्रमोशन? आज से ऐसे शुरू करें मां लक्ष्मी की पूजा
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Mulank 8 Numerology 2024: क्या आपका मूलांक 8 है? जानें मई के महीने में कैसा रहेगा आपका करियर
-
Hinduism Future: पूरी दुनिया पर लहरायगा हिंदू धर्म का पताका, क्या है सनातन धर्म की भविष्यवाणी