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महान भारतीय गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का निधन, वो 74 साल के थे

महान भारतीय गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह अब इस दुनिया में नहीं रहे हैं. लंबे समय से बीमार चल रहे वशिष्ठ नारायण आज सुबह राजधानी पटना निधन हो गया है.

Updated on: 14 Nov 2019, 11:01 AM

पटना:

महान भारतीय गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह अब इस दुनिया में नहीं रहे. लंबे समय से बीमार चल रहे वशिष्ठ नारायण का आज सुबह राजधानी पटना निधन हो गया है. उन्होंने 74 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. बताया जा रहा है कि गुरुवार की सुबह उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी. जिसके बाद तत्काल उन्हें राजधानी स्थित पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) ले जाया गया, जहां डॉक्टर्स ने वशिष्ठ नारायण को मृत घोषित कर दिया.

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पिछले कई सालों से वह बीमार चल रहे थे. पीएमसीएच में उनका हालचाल जानने के लिए नेताओं का तांता लगा था. मुख्यमंत्री से लेकर केंद्रीय मंत्री तक उन्हें देखने पहुंचे थे. हाल में ही उनको पीएमसीएच इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई थी. लेकिन गुरुवार को उनकी तबीयत फिर से बिगड़ी गई थी. अस्पताल ले जाते ही डॉक्टरों ने वशिष्ठ नारायण सिंह को ब्रेन डेड बताया. बता दें कि वशिष्ठ नारायण सिंह अपने परिवार के साथ पटना के कुल्हरिया कॉप्लेक्स रह रहे थे. वह मूल रूप से भोजपुर जिले के बसंतपुर के रहने वाले थे. उनका जन्म 2 अप्रैल 1942 को हुआ था.

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1962 बिहार में मैट्रिक की परीक्षा पास की. पटना विज्ञान महाविद्यालय (सायंस कॉलेज) में पढ़ाई के दौरान उनकी मुलाकात अमेरिका से पटना आए प्रोफेसर कैली से हुई थी. प्रोफेसर कैली ने वशिष्ठ नारायण सिंह की प्रतिभा से प्रभावित होकर उन्हें बरकली आकर शोध करने को कहा था. जिसके बाद वो 1963 में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में शोध करने के लिए गए थे और 1969 में गणित में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से पी.एच.डी की थी. चक्रीय सदिश समष्टि सिद्धांत पर शोध कार्य ने उन्हें भारत और विश्व में प्रसिद्ध कर दिया. वशिष्ठ नारायण ने वाशिंगटन में गणित के प्रोफेसर के पद पर काम किया था. 1971 में वो भारत वापस लौट आए और यहां उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर और भारतीय सांख्यकीय संस्थान, कलकत्ता में काम किया था.