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नहीं रहे पहली लोकसभा के एकमात्र जीवित सांसद, अटल बिहारी से था गहरा रिश्ता

देश की पहली लोकसभा के अंतिम जीवित सांसद और बिहार के डुमरांव राज के अंतिम महाराज कमल बहादुर सिंह का निधन हो गया है. वे 93 साल के थे. सोमवार सुबह उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

Updated on: 05 Jan 2020, 04:17 PM

बक्सर:

बक्सर. देश की पहली लोकसभा के अंतिम जीवित सांसद और बिहार के डुमरांव राज के अंतिम महाराज कमल बहादुर सिंह का निधन हो गया है. वे 93 साल के थे. सोमवार सुबह उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. कमल सिंह का पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ घनिष्ठ संबंध था. स्वतंत्रता के बाद उन्होंने शिक्षा और सामाजित विकास के क्षेत्र में काफी काम किया. बताया जाता है कि वाजपेयी के प्रभाव के कारण ही उन्होंने जनसंघ की सदस्यता ग्रहण की थी. 

उनके बेटे चंद्रविजय सिंह ने बताया कि रविवार सुबह 5.10 बजे कमल सिंह ने अंतिम सांस ली. उनके निधन से पूरे शाहाबाद इलाके में शोक की लहर दौड़ गई. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के सांसद अश्विनी कुमार चौबे ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि एक स्वर्णिम और गौरवशाली अतीत का अंत हो गया.

पहली लोकसभा के लिए हुए थे निर्वाचित
कमल सिंह आजादी के बाद पहले आम चुनाव में शाहाबाद से सांसद निर्वाचित हुए थे. साल 1957 में दूसरे आम चुनाव में बक्सर संसदीय क्षेत्र अस्तित्व में आया. यहां से भी जनता ने उन्‍हें अपना प्रतिनिधि चुनकर लोकसभा में भेजा. कमल सिंह ने पुराने शाहाबाद जिला (अब बक्सर, सासाराम, भोजपुर, कैमूर) के अलावा उतर प्रदेश के इलाके में खास तौर पर शिक्षा एवं स्वास्थ के क्षेत्र में मुक्त हस्त से जमीन और संसाधन दान दिए. बक्सर में प्रताप सागर स्थित टीबी अस्पताल, डुमरांव राज अस्पताल, नगर में दो बालिका विद्यालय तथा आरा स्थित महाराजा कालेज व एचडी जैन कालेज सहित दर्जनों स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, मंदिर, मठ-मठिया डुमराव उनकी देन हैं. वे अपने पीछे दो पुत्र युवराज चंद्रविजय सिंह एवम छोटे युवराज मानविजय सिंह का भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं.