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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में फिर टला कोर्ट का फैसला, छुट्टी पर गए हैं जज

बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में एक बार फिर फैसला टल गया है. आज कोर्ट के जज की छुट्टी होने की वजह से मामले में फैसला नहीं सुनाया जा सका.

Updated on: 12 Dec 2019, 12:41 PM

नई दिल्ली/पटना:

बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में एक बार फिर फैसला टल गया है. कोर्ट के जज की छुट्टी होने की वजह से आज भी फैसला नहीं सुनाया जा सका. दिल्ली की साकेत कोर्ट अब अगले साल यानी 2020 की 14 जनवरी को इस मामले में अपना फैसला सुनाएगी. इससे 15 नवंबर को मामले में फैसला आना था, लेकिन दिल्ली में वकीलों की हड़ताल के कारण फैसले की तिथि 12 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए जल्द सुनवाई करने का आदेश दिया था.

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इस कांड में सीबीआई ने 21 आरोपियों पर अलग-अलग 13 धाराओं में चार्जशीट की थी. सीबीआई ने इस मामले में ब्रजेश ठाकुर को मुख्य आरोपी बनाया. कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर समेत 21 आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो कानून, बलात्कार और आपराधिक साजिश समेत अन्य धाराओं में आरोप तय किए थे. यह पूरा मामला मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम में 40 नाबालिग बच्चियों और लड़कियों से दुष्कर्म से जुड़ा है.

फरवरी 2018 में इस पूरे मामले का खुलासा हुआ था. टाटा इंस्टीट्यूट सोशल साइंस की टीम ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम को लेकर एक ऑडिट रिपोर्ट समाज कल्याण विभाग को दी थी. इस रिपोर्ट के आधार पर ही यहां रह रही बच्चियों को पटना और मोकामा के साथ अन्य बालिका गृह में ट्रांसफर किया गया था. इसके साथ ही अनियमितता को लेकर एफआईआर में दर्ज की गई थी. मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में रहने वाली बच्चियों का मेडिकल करवाया गया तो उस रिपोर्ट में 42 में से 34 बच्चियों से दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी.

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पिछले साल जुलाई में इस मामले में सीबीआई ने आरोपी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद इस मामले को बिहार से दिल्ली ट्रांसफर किया गया था. कोर्ट के आदेश पर ही 23 फरवरी से दिल्ली की साकेत कोर्ट में नियमित सुनवाई चल रही थी. सुप्रीम कोर्ट ने 6 महीने में ट्रायल पूरा करने को कहा था. जिसके बाद सितंबर में साकेत कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.