बिहार : भीषण बाढ़ ने लगाया रेल परियोजना पर ग्रहण, होगा और विलम्ब
लेकिन नेपाल और मधुबनी जिले में आई प्रलयकारी बाढ़ ने आकर सबकुछ धो दिया. फिलहाल बाढ़ के कहर के बाद एक बार फिर सेवा जल्द शुरू होने की चर्चाओं पर विराम लग गया हैं.
पटना/मधुबनी:
जयनगर-जनकपुर रेल सेवाओं पर एकबार फिर ग्रहण लग गया है. पहले रेल चलाने के तरीकों पर हुई लंबी खींचतान के बाद परिचालन को लेकर नेपाल सरकार के द्वारा सहमति बनी थी और इस साल के अंत तक इस रूट पर ट्रेन का परिचालन भी शुरू होने वाला था. लेकिन नेपाल और मधुबनी जिले में आई प्रलयकारी बाढ़ ने आकर सब कुछ धो दिया. फिलहाल बाढ़ के कहर के बाद एक बार फिर सेवा जल्द शुरू होने की चर्चाओं पर विराम लग गया हैं.
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तस्वीरे बयां कर रही हैं कि बाढ़ की विभिषिका से जयनगर- जनकपुर रेल खंड को अच्छा खासा नुकसान हुआ है. पानी के दवाब में कई फुट तक ट्रैक के नीचे की मिट्टी पानी के साथ बह चली हैं, तो वहीं ट्रैक हवा में झूलते नजर आ रहे हैं. फिलहाल ट्रैकों की मरम्मत के बाद ही सेवा शुरू करने पर अब बात हो सकती हैं, जिसके कारण इस रेलखंड के उद्घाटन में और विलंब हो सकता है. गौरतलब है कि 1987 में जनकपुर से जयनगर के बीच भारत और ब्रिटिश सरकार की मदद से नेपाल में छोटी रेल लाइन का निर्माण किया था.
चार साल पहले इस रेल लाइन को बंद कर, इस पर भारत सरकार 2014 से बड़ी रेल लाइन का निर्माण करा रही है. 700 करोड़ की लागत से 70 किमी लंबी रेल लाइन जयनगर जनकपुर बिजलपुर बर्दीवास का निर्माण किया जा रहा था लेकिन बाढ़ के कारण इस परियोजना में अब विलम्ब होगा.
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