बाढ़ की तबाही पर नीतीश के मंत्री ने दिया संवेदनहीन बयान, कहा-मौत तो स्वाभाविक है
बिहार में बाढ़ और बारिशकी वजह से हजारों आशियाने तबाह हो गए हैं, कई लोगों की जान चली गई है. तो दूसरी तरफ नीतीश कुमार के मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने संवेदनहीन बयान देकर बाढ़ पीड़ितों का मजाक उड़ाया है.
highlights
- बिहार में बाढ़ से तबाही, 130 लोगों की हुई मौत
- बिहार आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने दिया संवेदनहीन बयान
- मौत चाहे किसी भी कारण से हो, लेकिन मौत स्वाभाविक चीज है
नई दिल्ली:
बिहार में बाढ़ और बारिशकी वजह से हजारों आशियाने तबाह हो गए हैं, कई लोगों की जान चली गई है. तो दूसरी तरफ नीतीश कुमार के मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने संवेदनहीन बयान देकर बाढ़ पीड़ितों का मजाक उड़ाया है. बिहार के आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने विवादित बयान देते हुए कहा, 'मौत तो मौत है, मौत अपने से नहीं होती है. मौत चाहे किसी भी कारण से हो, लेकिन मौत स्वाभाविक चीज है.'
मीडिया से बातचीत करते हुए लक्ष्मेश्वर राय ने कहा कि बिहार में बाढ़ एक आपदा है. लोगों की मदद की जा रही है. कोई ऐसा गांव नहीं है जहां मदद पहुंचाई नहीं गई है.
किशनगंज में बाढ़ को लेकर अधिकारियों से बैठक करने के बाद लक्ष्मेश्वर राय ने कहा कि बिहार में बाढ़ राहत कार्य अच्छा हो रहा है. परिवार के मुखिया की मौत होने पर 4 लाख रुपए की मदद की जा रही है.
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आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में क्षति के आकलन का कार्य शुरू कर दिया गया है. आकलन के आधार पर ही क्षति का मुआवजा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि मछुआरे की नाव और मछली पकड़ने वाले जाल की क्षति की भरपाई भी की जाएगी. क्षति का पूरा ब्यौरा उपलब्ध होने के बाद नियम के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा.
मछुआरों के नाव और जाल अगर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए तो मरम्मत के लिए 21 सौ रुपये दिए जाएंगे, जबकि पूर्ण क्षति की हालत में इस मद में 9600 रुपये का भुगतान होगा. दुधारू गाय-भैंस के एवज में किसानों को 30 हजार रुपया दिया जाएगा, जबकि बैल की मौत पर 25 हजार रुपये देने का प्रावधान है.
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बता दें कि आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक बिहार के 13 जिलों, शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार और पश्चिमी चंपारण जिले में बाढ़ से अब तक 130 लोगों की मौत हुई है, जबकि लगभग 88 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं.
(इनपुट IANS के साथ)
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