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Delhi Fire: बिहार के पीड़ितों को 2-2 लाख की आर्थिक मदद देगी नीतीश सरकार

Delhi Fire: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बीचों बीच स्थित रानी झांसी रोड पर एक फैक्ट्री में रविवार सुबह लगी भीषण आग में 43 मजदूर मारे गए.

Updated on: 09 Dec 2019, 02:23 PM

पटना:

Delhi Fire: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बीचों बीच स्थित रानी झांसी रोड पर एक फैक्ट्री में रविवार सुबह लगी भीषण आग में 43 मजदूर मारे गए. इस अग्निकांड में जान गंवाने वाले मजूदरों में से कई बिहार के रहने वाले थे. इनके परिजनों को बिहार सरकार ने भी आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एलान किया है कि घटना के पीड़ितों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना में मारे गए लोगों के परिजन के लिए 2-2 दो लाख रुपये मुआवजा राशि की घोषणा की. 

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प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि प्रधानमंत्री ने आग में झुलसे लोगों को भी प्रति व्यक्ति 50,000 रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है. प्रधानमंत्री ने यह जो अनुग्रह राशि दी है वह कानूनी दायित्व नहीं, बल्कि नैतिक दायित्व के आधार पर दी गयी है. यह राशि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दी जाएगी. इसके अलावा दिल्ली सरकार ने भी आग में मारे गए लोगों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की सहायता की घोषणा की है. सरकार ने घायलों को भी एक लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आग की घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं. केजरीवाल ने कहा कि मैंने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए हैं, किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.

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बता दें कि दिल्ली के भीड़भाड़ से भरे बाजार में एक कारखाने में आग लगने से रविवार को कम से कम 43 लोग मारे गए और एक दर्जन से अधिक घायल हो गए. आग में मारे गए सभी लोग मजदूर थे और जब सुबह 4.30 और 5 बजे के बीच आग लगी तब वे सो रहे थे. पुलिस ने कहा कि कारखाने के मालिक के खिलाफ एक आवासीय क्षेत्र से बैग विनिर्माण इकाई के संचालन और सुरक्षा मानदंडों का पालन नहीं करने के लिए प्राथमिकी दर्ज कर दी गई है.

बिहार के बेगूसराय के रहने वाले 23 वर्षीय मनोज ने बताया कि उनका 18 साल का भाई इस हैंडबैग बनाने वाली इकाई में काम करता है. उन्होंने कहा कि मेरे भाई के दोस्त से मुझे जानकारी मिली कि वह इस घटना में झुलस गया है. मुझे कोई जानकारी नहीं है कि उसे किस अस्पताल में ले जाया गया है. वहीं एक बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा कि कम से कम इस इकाई में 12-15 मशीनें लगी हुई हैं. मुझे इसकी जानकारी नहीं है कि फैक्ट्री मालिक कौन है. व्यक्ति ने कहा कि मेरे संबंधी मोहम्मद इमरान और इकरमुद्दीन फैक्ट्री के भीतर ही थे और मुझे इसकी जानकारी नहीं है कि अब वे कहां हैं. उन्होंने बताया कि इस परिसर में कई इकाइयां चल रही हैं. यह इलाका बेहद संकरा है.