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चारा घोटाले के दोषी लालू प्रसाद यादव की जमानत को CBI ने दी थी चुनौती, सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस

सुप्रीम कोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश शरद अरविंद बोबड़े की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने चारा घोटाले के कई मामलों में दोषी लालू प्रसाद यादव को नोटिस जारी किया है.

Updated on: 14 Feb 2020, 12:46 PM

नई दिल्‍ली:

चारा घोटाले में सजा काट रहे बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री लालू प्रसाद यादव को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. रांची हाई कोर्ट की ओर से जमानत मिलने को चुनौती देने वाली CBI की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश शरद अरविंद बोबड़े की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने नोटिस जारी किया. रांची हाईकोर्ट ने देवघर कोषागार से 90 लाख रुपये अवैध निकासी मामले में लालू को जमानत दी थी, जिसके खिलाफ CBI ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी.

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रांची हाई कोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह ने 12 जुलाई 2019 को लालू प्रसाद को 50-50 हजार रुपए के दो निजी मुचलके पर जमानत दी थी. सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में लालू प्रसाद को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई थी और 10 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया था.

देवघर कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सीबीआई कोर्ट ने बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई है. डेढ़ साल से लालू प्रसाद यादव जेल में हैं. इस लिहाज से वह आधी सजा काट चुके हैं. इसी को आधार बनाकर लालू प्रसाद ने जमानत के लिए याचिका दायर की थी. रांची हाई कोर्ट ने उन्‍हें जमानत भी दे दी थी.

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सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव को मिली जमानत का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसमें हाईकोर्ट से साढ़े तीन साल की सजा को बढ़ाने का आग्रह किया गया था. सीबीआई का कहना है कि लालू प्रसाद यादव के साथ अन्य कई आरोपियों को पांच साल की सजा सुनाई गई. लालू प्रसाद पर भी वहीं आरोप हैं, जो अन्‍य आरोपियों पर लगे थे. इस कारण उनकी सजा साढ़े तीन साल से बढ़ाकर पांच साल की जानी चाहिए.