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3000 से ज्यादा लोगों को बुलाकर तबलीगी जमात का आयोजन करना मौत को दावत देने जैसा जुर्म- मोदी

दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में हजारों जमाती शामिल हुए थे. इनमें से कई लोग कोरोना वायरस से ग्रसित हैं और अब अपने-अपने राज्यों में हैं.

Updated on: 02 Apr 2020, 01:43 PM

पटना:

दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में हजारों जमाती शामिल हुए थे. इनमें से कई लोग कोरोना वायरस से ग्रसित हैं और अब अपने-अपने राज्यों में हैं. ऐसे में इन राज्यों में भी कोरोना वायरस फैलने का खतरा बढ़ गया है. इसी खतरे की आशंका को लेकर बिहार के उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता सुशील कुमार मोदी ने हमला बोला है. उन्होंने कहा कि तबलीगी जमात का आयोजन करना मौत को दावत देने जैसा जुर्म है.

सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन को देखते हुए नवरात्र में भी सारे मंदिर बंद रखे गए. गुरुद्वारे केवल भूखों को भोजन देने के काम कर रहे हैं. चर्च और मस्जिदों में भी सामूहिक प्रार्थना या नमाज नहीं हो रही है. ऐसे में देश-विदेश के 3000 से ज्यादा लोगों को बुलाकर तबलीगी जमात का आयोजन करना मौत को दावत देने जैसा जुर्म है.' उन्होंने आगे कहा, 'इस्लाम की भलाई नहीं बल्कि मजहब को बदनाम करने वाली हरकत है, जिसके लिए मौलाना साद को माफी मांगनी चाहिए.'

गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने मंगलवार को तबलीगी जमात के इस सम्मेलन में शामिल होने वाले लोगों में से 24 में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि की है. देशभर के हजारों लोगों ने इस विशाल सम्मेलन में भाग लिया था. यह मामला सामने आने के बाद केन्द्र और दिल्ली सरकार ने इस सम्मेलन में शामिल होने वाले लोगों का पता लगाने की कार्रवाई शुरु की. इस सम्मेलन में शामिल होने वाले छह लोगों की तेलंगाना और एक व्यक्ति की जम्मू कश्मीर में कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हो गई. बिहार से भी करीब 81 लोग इस कार्यक्रम में पहुंचे थे, हालांकि इनमें से 30 लोगों की पहचान कर ली गई है.