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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन बच्चों की हो रही मौत का जायजा लेने रविवार को जाएंगे मुजफ्फरपुर

बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार ने अबतक 66 बच्चों की ले चुका है जान, कहर जारी

Updated on: 15 Jun 2019, 04:05 PM

highlights

  • बिहार में कहर बरपा रही दिमागी बुखार
  • अबतक 66 बच्चों ने तोड़ा दम
  • स्वास्थ्य मंत्री रविवार को होंगे मुजफ्फरपुर में

नई दिल्ली:

बिहार के मुजफ्फरपुर में दिमागी बुखार का कहर जारी है. चमकी बुखार ने अबतक 66 बच्चों की जान ले चुका है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले 10 दिनों में 220 बच्चे अस्पताल में भर्ती हुए थे. जिसमें अबतक 66 बच्चों ने दम तोड़ दिया है. इस भयावह स्थिति की जानकारी लेने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन रविवार को मुजफ्फरपुर का दौरा करेंगे. केंद्रीय मंत्री मुजफ्फरपुर के अस्पतालों में स्थिति का जायजा लेंगे. क्षेत्र में प्रचलित चमकी बुखार (एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम) Acute Encephalitis Syndrome (AES)की रोकथाम के लिए निर्दश देंगे. अस्पताल में हो रही बच्चों की मौत पर रोक लगाया जाएगा.

बिहार के मुजफ्फरपुर में दिमागी बुखार यानी चमकी बुखार विकराल रूप लेता जा रहा है. श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज में 55 और केजरीवाल हॉस्पिटल में 11 बच्चों की मौत हो गई है. जानकारी के मुताबिक फिलहाल 100 से ज्यादा बच्चे इस बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती है. बच्चों की हो रही मौत पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि स्वास्थ्य विभाग इस पूरे मामले पर नजर रख रहा है. बरसात से पहले ये बीमारी हर साल बिहार में कहर बरपाती है. इसकी पूरी जांच की जा रही है. गौरतलब है कि उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी व वैशाली में बीमारी का प्रभाव दिखता है. इस साल अब तक एसकेएमसीएच में जो मरीज आ रहे हैं, वे मुजफ्फरपुर और आसपास के हैं.

बीमारी के ये होते हैं लक्षण-

गौरतलब है कि इंसेफेलाइटिस को जापानी बुखार भी कहते हैं. इस बीमारी का लक्षण कुछ इस तरह होता है. सिरदर्द, गर्दन में जकड़न, कमजोरी, उल्टी होना, भूख कम लगना, सुस्त रहना, अतिसंवेदनशील होना होता है. वहीं छोटे बच्चों में इंसेफेलाइटिस को ऐसे पहचान कर सकते हैं. सिर में चित्ती का उभरना, दूध कम पीना, बहुत रोना और शरीर में जकड़न नजर आना. अगर ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत अस्पताल में जाना चाहिए.