बिहार: हाथ और गले में सांप पकड़कर इस गांव में कुछ ऐसे मनाई जाती है नाग पंचमी
सांपो की इस तरह पूजा करने की परंपरा कफी लंबे अर्से से चली आ रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस गांव के एक शख्स ने बताया कि उनके पूर्वज साल 1868 से ही माता विषधर की पूजा करते आ रहे हैं
नई दिल्ली:
सावन का महीना चल रहा है. 22 जुलाई को सावन का पहला सोमवार था और साथ में नाग पंचमी भी थी. इस दौरान देशभर में लोगों ने नाग देवता की पूजा की लेकिन बिहार के समस्तीपुर का नजारा सबसे अलग था. दरअसल समस्तीपुर में सैंकड़ों सांपों को पकड़कर उनकी पूजा की जाती है. इस साल भी कुछ ऐसा ही हुआ. समस्तीपुर के विभूतिपुर में हर साल की तरह इस साल भी सावन के पहले सोमवार को 25 लोगों ने 300 से ज्यादा सांपो को पकड़ा. इन लोगों ने बूढ़ी गंडक नदी में डुबकी लगाकर इन सांपों को पकड़ा और उनकी पूजा की.
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इस दौरान लोगों ने सांपो को गले और हाथों में पकड़ा था और फिर मंदिर ले जाकर उनकी पूजा की थी. सांपो की इस तरह पूजा करने की परंपरा कफी लंबे अर्से से चली आ रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस गांव के एक शख्स ने बताया कि उनके पूर्वज साल 1868 से ही माता विषधर की पूजा करते आ रहे हैं और यह आज भी जारी है. गांववालों ने बताया कि पहले यह पूजा उन्हीं के घर पर होती थी. लेकिन बाद में साल 1951 में सांपों की पूजा के लिए मंदिर बनाया गया जिसके बाद इसे बड़े पैमाने पर मनाया जाने लगा.
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शिव भक्तों के लिए सावन के महीने का विशेष महत्व होता है खासतौर से सोमवार के दिन का. अगर सावन के हर सोमवार को विधि पूर्वक भगवान शिव की पूजा की जाती है तो तमाम समस्याओं से मुक्ति पाया जा सकता है. ऐसे में भक्त भगवान भोले को प्रसन्न करने के लिए किस विधि से उनकी पूजा करें, आइए बताते हैं
सावन के सोमवार को ऐसे करें भगवान शिव की पूजा-
- सबसे पहले सुबह स्नान करें और शिव मंदिर जाएं.
- मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल अर्पित करें.
- घर से नंगे पैर मंदिर जाएं.
- मंदिर में खड़ें होकर शिव मंत्र का 108 बार जाप करें.
- दिन में सिर्फ फलाहार करें.
- शाम के समय भगवान शिव के मंत्रों का फिर जाप करें और उनकी आरती करें.