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बिहार : मानव कंकाल मिलने पर मंत्री जी ने दी सफाई, मीडिया पर लगाया आरोप

ऐसे में यहां मुजफ्फरपुर के श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (SKMCH) के पीछे मानव कंकाल के अवशेष मिलने से हड़कंप मच गया.

Updated on: 23 Jun 2019, 12:49 PM

नई दिल्ली:

बिहार के मुजफ्फरपुर में अक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम से बच्चों की मौत की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में यहां मुजफ्फरपुर के श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (SKMCH) के पीछे मानव कंकाल के अवशेष मिलने से हड़कंप मच गया. इसी पर बयान देते हुए बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि कभी-कभी शवों का कोई दावेदार नहीं होता है. इसलिए सरकार शवों को जलाने के लिए 2,000 रुपए (पोस्टमार्टम विभाग को) देती है, जो वे कई बार नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि जांच इसके पीछे की सच्चाई बताएगी, मीडिया इसे अलग तरह से पेश कर रहा है.

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गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर के श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पिछले हिस्से में बने जंगल में एक बोरे में करीब 100 नर कंकाल के अवशेष मिले हैं. बता दें कि इन्सेफलाइटिस के चलते हुई मौतों से अस्पताल प्रशासन पहले ही सवालों के घेरे में है, दूसरी ओर बोरे में कंकाल मिलना झकझोर कर रख देने वाला है. इनका न ही दाह संस्कार किया गया और न ही इन्हें दफनाया गया. हालांकि पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.

72 घंटे तक पोस्टमॉर्टम रूम में रखना होता है शव

अस्पताल के सुपरिंटेंडेंट डॉ. सुनील कुमार शाही ने कहा, 'पोस्टमॉर्टम विभाग शवों की देख-रेख करता है. अगर खुले में कंकाल और शव मिले हैं तो यह वाकई अमानवीय है. हम विभागाध्यक्ष से इस पर जांच बिठाने के लिए कहेंगे.' नियमानुसार, जब अस्पताल को कोई शव मिलता है, तो नजदीक के पुलिस स्टेशन से तुरंत संपर्क करना होता है और इस संबंध में एक रिपोर्ट फाइल करनी होती है. रिपोर्ट फाइल होने के बाद 72 घंटे बाद तक शव को पोस्टमॉर्टम रूम में ही रखना होता है.

पोस्टमॉर्टम विभाग के जिम्मे होता है दाह संस्कार

इस दौरान अगर परिवार का कोई सदस्य शव की पहचान के लिए नहीं आता है तो पोस्टमॉर्टम विभाग की ड्यूटी है कि इसका दाह संस्कार किया जाए या फिर दफनाया जाए. तस्वीरें जो सामने आ रही हैं, उसमें मानव कंकाल के साथ ही अस्पताल के पिछले हिस्से में कुछ कपड़े भी दिख रहे हैं.