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बिहार में मदरसों के लिए मकान बनाएगी सरकार

बिहार में मदरसों के अब अच्छे दिन आने वाले हैं. राज्य में बिना मकान के चल रहे मदरसों के लिए नए मकान बनवाए जाएंगे. वहीं जर्जर इमारत में चल रहे मदरसों के हालात भी सुधारे जाएंगे.

Updated on: 20 Aug 2019, 06:38 PM

पटना:

बिहार में मदरसों के अब अच्छे दिन आने वाले हैं. राज्य में बिना मकान के चल रहे मदरसों के लिए नए मकान बनवाए जाएंगे. वहीं जर्जर इमारत में चल रहे मदरसों के हालात भी सुधारे जाएंगे. इसके लिए सरकार ने राशि भी जारी कर दी है. बिहार राज्य मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष अब्दुल क्यूम अंसारी ने मंगलवार को बताया, "पहली बार मदरसों के निर्माण की जिम्मेदारी सरकार उठा रही है. इसके लिए प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए अल्पसंख्यक कल्याण के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है. मदरसा सुदृढ़ीकरण योजना के पहले चरण में सरकार ने 25 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं."

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उन्होंने बताया कि पहले चरण में दरभंगा, नालंदा और औरंगाबाद के मदरसों के भवन का निर्माण कराया जाएगा. इसके बाद अन्य जिलों में भी मदरसों के भवनों की मरम्मत कराई जाएगी. इसके लिए अन्य जिलों से भी प्रस्ताव मांगे गए हैं.

अल्पसंख्यक विभाग ने भवन निर्माण के लिए नोडल एजेंसी मदरसा बोर्ड को बनाया है जबकि भवन का ढांचा बनवाने की जिम्मेदारी भवन निर्माण विभाग को सौंपी गई है. उल्लेखनीय है कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मुख्य प्रधान सचिव आमिर सुहानी की अध्यक्षता में पिछले दिनों एक बैठक हुई थी, जिसमें मदरसों का निर्माण कराने का निर्णय लिया गया था.

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आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में दो हजार से अधिक मदरसे हैं. मगर इनमें कई समस्याएं हैं. मदरसों के पास अपना भवन नहीं होने या जर्जर भवन में मदरसे चलने के कारण छात्रों को पुस्तकालय, प्रयोगशाला सहित कई तरह की समस्याओं से रूबरू होना पड़ता है.

अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि प्रथम चरण के लिए राशि जारी कर दी गई है, जबकि दूसरे चरण की राशि अन्य जिलों से प्रस्ताव मिलने के बाद जारी की जाएगी.

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मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष अंसारी ने कहा कि अब मदरसों में क्लास रूम, छात्रावास, पुस्तकालय, लैब और बिजली-पानी के संसाधन सरकार मुहैया कराएगी. इसके लिए मदरसों को जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की तरफ से प्रस्ताव भेजने होंगे. उन्होंने कहा कि इसके लिए मदरसा समिति को अपनी जमीन होने का प्रमाण पत्र देना होगा. उल्लेखनीय है कि अभी तक मदरसा भवन निर्माण उससे संबंधित समितियां ही करती थीं.