Bihar Flood : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की उच्चस्तरीय बैठक, परिस्थिति से निपटने के लिए दिए जरूरी निर्देश
मुख्यमंत्री ने बाढ़ से उत्पन्न होने वाली परिस्थिति से निपटने के लिए निर्देश दिए, सभी जिलों में राहत-बचाव कार्य चलाने के लिए भी कहा
highlights
- नीतीश कुमार ने की हाई लेवल मीटिंग
- बाढ़ से निपटने के लिए दिए जरूरी निर्देश
- बाढ़ से बिहार में भारी तबाही
नई दिल्ली:
बिहार में बाढ़ का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है. बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है. बाढ़ के कहर से जनजीवन अस्त-व्यस्त हैं. लोगों का जीना दूभर हो गया है. रविवार की सुबह से बाढ़ ने दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी और समस्तीपुर में भारी तबाही मचाई है. इस खौफनाक मंजर के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उच्च स्तरीय बैठक की है. बैठक में जल संसाधन मंत्री संजय झा और कई विभाग के सचिव मौजूद रहे. मुख्यमंत्री ने बाढ़ से उत्पन्न होने वाली परिस्थिति से निपटने के लिए निर्देश दिए. सभी जिलों में राहत-बचाव कार्य चलाने के लिए भी कहा. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि परिस्थिति से निपटने के लिए पैनी नजर बनाए रखें. मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जरूरी सुविधा मुहैया कराने का निर्देश दिए हैं.
बैठक के कुछ देर बाद मुख्यमंत्री ने हवाई सर्वेक्षण कर बाढ़ का जायज़ा लिया. अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए. राहत कार्यों में तेज़ी लाने को कहा. कम्यूनिटी किचेन ज़्यादा से ज़्यादा बनाया जाए, ताकि लोगों को समस्या ना हो. पशुओं के लिए भी चारे की व्यवस्था करने का निर्देश दिया. रिलीफ़ कैंप भी बनाने के निर्देश दिए.
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बिहार के सुपौल में कोसी नदी तांडव मचा रही है. अब तक सुपौल जिले के लगभग 50 हजार परिवार के लोग प्रभावित हो चुके हैं. 15 हजार से अधिक घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. इसमें सबसे अधिक तबाही निर्मली अनुमंडल स्थित मरौना प्रखंड के लोग झेल रहे हैं. मरौना प्रखंड में कोसी तटबंध के भीतर बसे 5 हजार से अधिक लोग घर में पानी घुसने के बाद खाने-पीने तक को तरस रहे हैं. वहीं, निर्मली नगर में उत्तरी रिंग बांध के पास पानी बाहर निकालने के लिए बने स्लुइस गेट होकर तिलयुगा नदी से उलटे बाढ़ का पानी शहर में घुस रहा है. शहर के कई वार्डों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. शहर में तेजी से बाढ़ का पानी घुसने से लोग दहशत में हैं.
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मुज्जफरपुर जिले के औराई में एक दर्जन से अधिक गांव मे बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. जिसके बाद प्रभावित ईलाके के लोग उच्ची जगह पर शरण लेने लगे हैं. बागमती परियोजना के उत्तरी और दक्षणी बांध के बीच स्थित गावों से ग्रामीण सुरक्षित जगह निकलने लगे है. बाढ़ आते ही फिर एक बार विस्थापितों का दर्द छलकने लगा है. पिछले कई वर्षों से बान्ध पर ही गुजर बसर कर रहे मुज्जफरपुर जिले के बभनगवा गांव के लोग. इन लोगों की जमीन बांध निर्माण में चली गयी, इसके बाद इन लोगों ने बांध पर शरण ले ली और तब से वहीं रह रहे है.
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