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तांत्रिक ने दिया संतान का लालच, दिवाली की रात दंपति ने अपने ही भतीजे की चढ़ा दी बलि

शिवनंदन ने भतीजे की हत्या कर देने के बाद भी बेखौफ कहता है,

Updated on: 29 Oct 2019, 08:08 PM

नई दिल्ली:

हम विकास के कितने भी दावे कर लें, मगर समाज में अंधविश्वास अपनी जगह अभी भी बनाए हुए है. बिहार के भागलपुर जिले के पीरपैंती थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति ने अंधविश्वास के कारण एक तांत्रिक के कहने पर अपनी पत्नी की सूनी कोख भरने के लिए अपने 11 वर्षीय भतीजे की बलि चढ़ा दी. दीपावली की रात अमावस्या को विनोबा टोली गांव के रहने वाले शिवनंदन रविदास ने गांव के ही तांत्रिक विलास मंडल के साथ मां काली की पूजा की और आधी रात 12 बजे के बाद भतीजे को गांव के ही पास बांस के जंगल में ले जाकर उसकी बलि चढ़ा दी. शिवनंदन ने भतीजे की हत्या कर देने के बाद भी बेखौफ कहता है, "हां, हमने अपने भतीजे की बलि दे दी है."

तांत्रिक ने दिलाया था संतान होने का भरोसा
पुलिस के मुताबिक, श्रीमतपुर हुजुरनगर पंचायत के बिनोवा टोली गांव के शिवनंदन रविदास की 13 साल पहले शादी हुई थी. संतान न होने पर उसने अपनी पत्नी को भगा दिया था. इसके बाद 10 साल पहले उसने दूसरी शादी की. इस शादी से भी उसे संतान नहीं हो रही थी. इससे वह बहुत परेशान था. सूत्रों के मुताबिक, शिवनंदन पास के ही देंकू टोला के तांत्रिक विलास मंडल के संपर्क में आया. तांत्रिक ने उसे संतान होने का भरोसा दिलाया. उसने कहा कि काली पूजा पर अपने परिवार के किसी सदस्य की बलि देने से संतान की प्राप्ति होगी. इसके बाद शिवनंदन सीधे अपने भाई सिकंदर के बेटे कन्हाई को पटाखा खरीदने के बहाने ले गया और उसकी बलि दे दी.

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बांस के जंगल में भतीजे का गला रेता
भागलपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) आशीष भारती ने मीडिया से बातचीत में बताया, "तांत्रिक की बातों में आकर शिवनंदन अपने भतीजे कन्हैया को बहला-फुसला कर ले गया. जहां गांव के ही बंसबिट्टा (बांस का जंगल) में पहले भतीजे का गला रेता, फिर दाहिने हाथ की नस काटी और पेट में जख्म कर उसकी हत्या कर शव को वहीं फेंक दिया." उन्होंने कहा, "दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस की पूछताछ में दोनों आरोपियों ने अपने अपराध को स्वीकार किया. मृत बच्चे की मां वीणा देवी के बयान के आधार पर पीरपैंती थाने में भादवि की धारा 302, 201, 34 के साथ डायन अधिनियम और एससी, एसटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है." इधर, ग्रामीणों का आरोप है कि तांत्रिक अपने घर में 'धाम' (ओझाई करने के लिए पूजा स्थल) लगाकर लोगों का भविष्य बताने का ढोंग करता था. ग्रामीणों का आरोप है कि तांत्रिक विलास और उसकी पत्नी नीलम दोनों अंधविश्वास फैलाते हैं.

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अंधविश्वास से जुड़ा है पूरा मामला
उल्लेखनीय है कि मृतक कन्हाई का बड़ा भाई कृष्णा अपने पिता सिकंदर के साथ पटियाला (पंजाब) में मजदूरी करता है और घटना के दिन भी ये लोग वहीं थे. घर में सिर्फ मां वीणा देवी, मंझला भाई चंदन और छोटी बहन स्वीटी थी. भागलपुर के एसएसपी भारती कहते हैं कि इस मामले की त्वरित सुनवाई कर दोषियों को पुलिस को जल्द सजा दिलाने की कोशिश करेगी. उन्होंने कहा कि यह मामला पूरी तरह अंधविश्वास से जुड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि पुलिस जिले में अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाएगी, जिससे ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.