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पटना में जलजमाव को लेकर नीतीश सरकार सख्त, 11 इंजीनियरों को शो-कॉज नोटिस, इन अधिकारियों पर गिरी गाज

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सीएम सचिवालय संवाद में जलजमाव के मुद्दे पर तीन घंटे की उच्चस्तरीय मैराथन बैठक खत्म हो गई है. बैठक में जल जमाव की समीक्षा हुई.

Updated on: 14 Oct 2019, 11:39 PM

नई दिल्ली:

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सीएम सचिवालय संवाद में जलजमाव के मुद्दे पर तीन घंटे की उच्चस्तरीय मैराथन बैठक खत्म हो गई है. बैठक में जल जमाव की समीक्षा हुई. इसके साथ ही मैनेजमेंट में कैसी चूक हुई और पूरे मामले में कौन दोषी है उसकी भी समीक्षा की गई.

बैठक के बाद बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने मीडिया रूबरू हुए. उन्होंने बताया, '11 इंजीनियरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. 7 दिनों के भीतर इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. एक कार्यकारी अभियंता का तबादला कर दिया गया है. L&T के प्रोजेक्ट मैनेजर जो यहां नमामि गंगे प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं, उनको भी कारण बताओ नोटिस दिया गया है.'

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उन्होंने आगे बताया, 'पटना नगर निगम के 2 कार्यकारी अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस दिया गया है. कंकरबाग के सिटी मैनेजर और चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर, और बंकिपुर में सभी सेनेटरी इंस्पेक्टरों को भी कारण बताओ नोटिस दिया गया है.'

इसके साथ ही कंकरबाग के 4 सेनेटरी इंस्पेक्टरों को निलंबित कर दिया गया है, पाटलिपुत्र के 2 सेनेटरी इंस्पेक्टरों को भी निलंबित कर दिया गया है. पंपिंग स्टेशनों पर काम करने वाले 22 कर्मचारियों को भी ड्यूटी में लापरवाही के कारण कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

बैठक में सीएम नीतीश कुमार समेत उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, पथ-निर्माण मंत्री और पटना प्रभारी नंदकिशोर यादव, कृषि मंत्री प्रेम कुमार, जल संसाधन मंत्री संजय झा, नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा, पीएचईडी मंत्री विनोद नारायण झा, मुख्य सचिव दीपक कुमार सहित कई विभागों के आला अधिकारी मौजूद थे.

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बैठक में 14 नए स्थानों पर संप हाउस लगाने का प्रस्ताव पास हुआ. दो महीने में सभी ड्रेंस से अतिक्रमण हटाए जाएंगे. विकास आयुक्त की अध्यक्षता में 4 सदस्य कमेटी पूरे मामले की जांच करेगी.2 दिनों में और किन लोगों पर कार्रवाई करनी है यह कमेटी तय करेगी.