बिहार सरकार ने 2 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया, शिक्षा क्षेत्र में सबसे ज्यादा खर्च
नीतीश सरकार ने शिक्षा के लिए कुल 34,798 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, वहीं राज्य के लोगों पर किसी भी तरह के नए टैक्स का बोझ वहीं डाला गया है.
पटना:
बिहार सरकार ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 2 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जो पिछले साल से 23,510 करोड़ रुपये अधिक है. बिहार के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी राज्य विधानसभा में आगामी वित्त वर्ष के लिए सरकार द्वारा किए जाने वाले खर्चों का ब्यौरा रखा. राज्य सरकार ने शिक्षा पर जोर देते हुए बजट की राशि को बढ़ाया. नीतीश सरकार ने शिक्षा के लिए कुल 34,798 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, वहीं राज्य के लोगों पर किसी भी तरह के नए टैक्स का बोझ वहीं डाला गया है. पिछले वित्त वर्ष में शिक्षा पर 32,125 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
राज्य के लिए अपना 10वां बजट पेश करते हुए मोदी ने कहा कि साल 2004-05 के 23,885 करोड़ रुपये से राज्य के बजट में 9 गुना बढ़ोतरी हो गई है.
सुशील मोदी ने बजट पेश करते हुए कहा कि बिहार ने 11.3 फीसदी की दर से विकास किया है जो देश में सबसे आगे हैं. उन्होंने कहा है कि राज्य में 2007-08 से (साल 2012-13 को छोड़कर) लगातार राजस्व सरप्लस रहा है.
सरकार ने राज्य में स्वास्थ्य के बजट को बढ़ाते हुए 9,622 करोड़ रुपये कर दिया है. साथ ही बजट में 11 नए मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की गई है जो केंद्र और राज्य के मदद से बनाई जाएगी. इसमें छपरा, पूर्णिया, समस्तीपुर, बेगूसराय, सीतामढ़ी, वैशाली, झंझारपुर, सिवान, बक्सर, भोजपुर और जमुई में कॉलेज निर्माण का कार्य 2019-20 में शुरू हो जाएगा.
राज्य सरकार ने कहा कि सरकार ने तय सीमा से पहले राज्य के सभी घरों में बिजली पहुंचाने का काम किया है. राज्य के 39,000 गांवों में सभी घरों में बिजली पहुंचाने का काम दिसंबर 2018 की डेडलाइन से पहले किया गया.
इसके अलावा सरकार ने कृषि विभाग को 2,958 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है जो कुल बजट का 1.48 फीसदी है. सड़क निर्माण और ग्रामीण कार्यों के लिए 17,923 करोड़ रुपये खर्च किए जाने का प्रावधान है.
सरकार ने साईकिल के लिए दी जाने वाली राशि को 2,500 से बढ़ाकर 3,000 रुपये कर दिया है. वहीं सैनिटरी नैपकिल के लिए 56.20 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
सुशील मोदी ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि बिहार की एनडीए सरकार ने इतना शानदार वित्तीय प्रबंधन किया कि 2017-18 में विकास दर 2 फीसदी बढ़ी. देश के कई राज्य हमारी अर्थव्यवस्था को फॉलो कर रहे हैं. गैरसरकारी रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की रिपोर्ट में भी हमारी विकास दर 9.9 से बढ़कर 11.9 होने की उपलब्धि की सराहना की गई.
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