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NRC से जुड़े BDO के पत्र से मची खलबली, विपक्ष ने नीतीश सरकार को निशाने पर लिया

बिहार (Bihar) में एक खंड विकास अधिकारी के पत्र ने खलबली मचा दी है. पटना जिले के मोकामा के बीडीओ ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लेकर एक पत्र जारी किया था.

Updated on: 01 Feb 2020, 09:04 AM

पटना:

नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी हैं. इस बीच   जिस पर अब राजनीति तेज हो गई है. इस पुराने पत्र के वायरल होने के बाद सूबे के विपक्ष दल अब नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की सरकार पर हमलावर हो गए हैं.

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राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट कर कहा, 'यहां तक कि दक्षिणपंथी लेखक भी सीएआर के बचाव में एनआरसी के बारे में बात करने से डरते हैं, लेकिन सीएम नीतीश जिन्होंने कभी खुद को समाजवादी और गांधीवादी घोषित किया था, ने एनआरसी की अन्यायपूर्ण प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया. भारत को पत्र से इस सांप्रदायिक और विभाजनकारी छलावरण को देखना चाहिए.'

बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, 'एनआरसी, एनपीआर पर नीतीश कुमार का सफेद झूठ पकड़ा गया. बिहार में एनआरसी, एनपीआर का काम शुरू हो चुका है. अधिकारी की चिट्ठी ने राज खोला है. अभी एनपीआर का कार्य किसी भी प्रदेश में शुरू नहीं हुआ है, लेकिन बिहार में एनआरसी की प्रक्रिया नीतीश ने शुरू कर दी. अब आपको तय करना है असली संघी कौन है?'

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राष्ट्रीय जनता दल ने ट्विटर पर लिखा, 'NRC-NPR मुद्दे पर नीतीश कुमार तो मोदी-शाह से भी आगे निकल गए. PM कहते हैं NRC पर चर्चा ही नहीं हुई और आप आदेश जारी करवा दिए. ऊपर से प्राचार्यों पर राजनीतिक दल से मिलीभगत का आरोप लगवाकर उन्हें बदनाम कर रहे हैं. आप बड़के पलटू है, यह फिर से साबित हुआ. क्या कुर्सी खातिर कुछ भी करेंगे?'

पूर्व केंद्रीय मंत्री और रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी नीतीश कुमार पर निशाना साधा. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी, आप तो भाजपा से भी आगे निकल गए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी कहते हैं एनआरसी पर अभी चर्चा ही नहीं हुई है और आप आदेश जारी करवा दिए. ऊपर से प्राचार्यों पर राजनैतिक दल से मिलीभगत का आरोप. आप झूठे और पलटू हैं, फिर से साबित हुआ! कुर्सी खातिर कुछ भी करेंगे, वाह.' 

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सरकार ने कहा- पत्र में मुद्रण की त्रुटि, वापस लिया

बता दें कि मोकामा के बीडीओ ने एनआरसी को लेकर 28 जनवरी को पत्र जारी किया था. बीडीओ सतीश कुमार ने अपने प्रखंड के तीन स्कूलों के प्राचार्यों के नाम से यह पत्र लिखा था. इस पत्र को 'रिमांडर पत्र' के तौर पर जारी किया गया था, जिसमें बीडीओ ने एनआरसी के काम के लिए हर स्कूल से दो-दो शिक्षकों के नाम मांगे थे. हालांकि बाद में इस पत्र को रद्द कर दिया गया था. प्रदेश के सूचना एवं जन संपर्क मंत्री नीरज कुमार ने कहा, 'विपक्षी नेता माकोमा के बीडीओ द्वारा अगले दिन जारी शुद्धि पत्र को साझा कर सकते थे. हालांकि पहले जारी पत्र को रद्द कर दिया गया है.' वहीं जदयू नेता नीरज कुमार ने कहा, 'मुख्यमंत्री का मानना है कि राज्य में एनआरसी की कोई ज़रूरत नहीं है और इसे दोहराने की भी जरूरत नहीं है.'

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