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सुशील मोदी-प्रशांत किशोर की तकरार के बाद नीतीश कुमार बोले- बिहार गठबंधन में ‘सब ठीक है’

जद (यू) उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने अगले वर्ष बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में जद (यू) को गठबंधन सहयोगी भाजपा से अधिक सीट दिए जाने संबंधी बयान दिया था.

Updated on: 31 Dec 2019, 09:48 PM

पटना:

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में भाजपा के साथ मतभेद की अटकलों पर विराम लगाते हुए मंगलवार को कहा कि गठबंधन में ‘‘सब ठीक है.’’ जद (यू) उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने अगले वर्ष बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में जद (यू) को गठबंधन सहयोगी भाजपा से अधिक सीट दिए जाने संबंधी बयान दिया था. किशोर के इस बयान पर पूछे गए सवाल के जवाब में कुमार ने पत्रकारों से कहा, ‘‘सब ठीक है.’’ किशोर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रव्यापी राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के मुखर आलोचक रहे हैं. जद (यू) ने संसद में नए नागरिकता कानून के पक्ष में मतदान किया था लेकिन उसका कहना है कि वह एनआरसी के खिलाफ है.

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नीतीश कुमार ने यह बयान भाजपा नेता एवं राज्य के पूर्व मंत्री दिवंगत नवीन किशोर प्रसाद सिन्हा की 14वीं पुण्यतिथि पर आयोजित एक कार्यक्रम से इतर पत्रकारों के साथ बातचीत में दिया. किशोर ने हाल में टीवी समाचार चैनलों को दिए साक्षात्कार में कहा था कि जद (यू) को भाजपा की तुलना में अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए क्योंकि उनकी पार्टी राज्य में गठबंधन में वरिष्ठ साझेदार है. राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने किशोर पर पलटवार करते हुए उन्हें एक चुनाव रणनीतिकार के रूप में अपना ‘‘काम’’ याद दिलाया था. उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में 2020 का विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. सीटों के बंटवारे पर दोनों पार्टियों के शीर्ष नेता उचित समय पर निर्णय लेंगे.’’

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सुशील मोदी ने सोमवार को ट्वीट में, ‘‘किसी विचाराधारा के तहत नहीं, बल्कि चुनावी डेटा जुटाने और नारे गढ़ने वाला व्यवसाय चलाते हुए राजनीति में आए लोगों द्वारा गठबंधन धर्म का उल्लंघन’’ करने पर नाराजगी जताई थी.’’ जाहिर तौर पर उनका इशारा प्रशांत किशोर की ओर था. किशोर ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर मंगलवार को लिखा, ‘‘सुशील मोदी से राजनीतिक मर्यादा और विचारधारा पर व्याख्यान सुनना सुखद अनुभव है, जो 2015 में मिली हार के बाद परिस्थितिवश उपमुख्यमंत्री बने थे.’’ उन्होंने लिखा, ‘‘ये बिहार के लोग हैं जिन्होंने नीतीश कुमार के नेतृत्व और जद (यू) के लिए सबसे बड़ी भूमिका तय की है, न कि किसी अन्य पार्टी या उसके शीर्ष नेतृत्व ने.’