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गर्मी शुरू होते ही चमकी बुखार ने पसारे पैर, बिहार में एक बच्चे की मौत

बच्चे को स्थिति गंभीर होने पर वेंटिलेटर पर रखा गया था. लेकिन रविवार देर शाम बच्चे की मौत (Death) हो गई.

Updated on: 30 Mar 2020, 01:50 PM

मुजफ्फरपुर:

बिहार (Bihar) के मुजफ्फरपुर में एक बच्चे की क्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से मौत हो गई है. एईएस पीड़ित बच्चा मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) स्थित श्री कृष्ण मेमोरियल हस्पिटल एंड कलेज (एसकेएमसीएच) में पिछले तीन दिनों से भर्ती था. बच्चे को स्थिति गंभीर होने पर वेंटिलेटर पर रखा गया था. लेकिन रविवार देर शाम बच्चे की मौत (Death) हो गई. उसकी पहचान सकरा के बैजूबुजुर्ग गांव के मुन्ना राम के साढ़े तीन वर्षीय पुत्र आदित्य कुमार के रूप में हुई है.

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जानकारी के अनुसार, गुरुवार को बच्चे को सर्दी हुई थी. गांव के ही एक चिकित्सक से दवा लेकर रात में दी गई थी. शुक्रवार की सुबह पांच बजे वह अचानक बच्चा कांपने लगा और फिर उसे चमकी आने लगी. इसके बाद उसे गांव के ही चिकित्सक के पास ले गया, जहां उसे दो इंजेक्शन दिया गया, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ. उसे सकरा पीएचसी ले गए. जहां से कुछ दवा देकर एसकेएमसीएच भेज दिया गया.

बता दें कि इस बीमारी से सीजन में पहली मौत है. शिशु विभागाध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर साहनी ने बताया कि दो बच्चों को भर्ती किया गया था. इसमें एक बच्चे की मौत हो गई, जबकि दूसरे की स्थिति में सुधार हो रहा है. अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि एईएस को लेकर सभी को अलर्ट कर दिया गया है. अस्पताल में बच्चों की इलाज की बेहतर व्यवस्था की गई है. लूम हो कि एईएस से बीते वर्ष 431 बच्चे बीमार होकर भर्ती हुए थे. 111 बच्चे मौत के मुंह में चले गए थे. वहीं, 320 बच्चे क्योर होकर अस्पताल से लौटे थे. बता दें कि पिछले कई साल से मुजफ्फरपुर, गया सहित कई जिलों में एईएस का कहर बच्चों पर टूटता है. गर्मी की शुरुआत के साथ ही बिहार में एईएस यानी चमकी बुखार ने एक बार फिर अपनी दस्तक दे दी है.

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हालांकि इसको लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में एईएस के संबंध में निर्देश देते हुए कहा कि इसकी पूरी तैयारी रखी जाए। लोगों को एईएस के संबंध में अभियान चलाकर अभी से ही जागरूक करने का अधिकारियों को निर्देश दिया गया. मुख्यमंत्री ने अधिकरियों को एसकेएमसीएच में बन रहे 100 बेड वाले शिशु गहन चिकित्सा इकाई को जल्द से जल्द तैयार कराने का निर्देश देते हुए कहा कि इससे शिशु गहन चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी.

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