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नीतीश कुमार 'लापता' के पोस्टर लगाने पर एक्शन, नगर निगम अधिकारी ने दर्ज कराई FIR

पोस्टर चिपकाने पर अज्ञात लोगों के खिलाफ पटना में एफआईआर दर्ज की गई है.

Updated on: 18 Dec 2019, 11:51 AM

पटना:

नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर बिहार की राजनीति में नया मोड़ आ गया है. पटना में कई स्थानों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 'लापता' होने के पोस्टर लगाए गए. यह पोस्टर किसने लगाए, इसे लेकर अभी तक कोई भी सामने नहीं आया और न ही पोस्टर में किसी पार्टी, संगठन या व्यक्ति के नाम का उल्लेख है. ऐसे में पोस्टर चिपकाने पर अज्ञात लोगों के खिलाफ पटना में एफआईआर दर्ज की गई है. नगर निगम के एक अधिकारी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पोस्टर्स के मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ देर रात कोतवाली और शास्त्री नगर थाने में शिकायत दी.

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निगम अधिकारी ने पटना जंक्शन के आसपास, वीरचंद पटेल पथ समेत अन्य स्थानों पर पोस्टर लगाने पर संपत्ति विरुपण अधिनियम के तहत कार्रवाई करने की शिकायत दर्ज करवाई. इसी तरह ने बेली रोड पर पोस्टर लगाए जाने को लेकर शास्त्री नगर थाने में अधिकारी ने शिकायत का आवेदन दिया. बता दें कि मंगलवार को राजधानी पटना के वीरचंद पटेल मार्ग, हवाईअड्डा मार्ग के कई स्थानों पर ऐसे पोस्टर लगाए गए हैं, जो अब चर्चा का विषय बने हुए हैं. नीतीश कुमार के लापता होने के पोस्टर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं.  

इनमें से एक पोस्टर पर लिखा गया, 'गूंगा-बहरा और अंधा मुख्यमंत्री. बीच में नीतीश कुमार की तस्वीर है और सबसे नीचे लिखा है, लापता, लापता, लापता.' एक अन्य पोस्टर पर लिखा है, 'ध्यान से देखिए इस चेहरे को, कई दिनों से न दिखाई दिया, न सुनाई दिया, ढूंढ़ने वाले का बिहार सदा आभारी रहेगा.' एक पोस्टर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम के साथ लिखा है, 'अदृश्य मुख्यमंत्री- जो पांच साल में सिर्फ एक दिन शपथ ग्रहण समारोह में नजर आता है.'

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गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) को जनता दल-युनाइटेड (जेडीयू) ने लोकसभा और राज्यसभा में समर्थन दिया था. इसको लेकर पार्टी पर लगातार अपने और विपक्ष के नेताओं के निशाने पर है. जेडीयू के प्रशांत किशोर समेत कई नेताओं ने पार्टी के इस फैसला का विरोध किया तो वहीं विपक्षी पार्टियां भी जमकर घेरे हुए हैं.