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बिहार के स्कूलों में यौन उत्पीड़न रोकने के लिए 'पॉक्सो सेल'

यह सेल मार्च से काम करने लगेगा. मिली शिकायतों को प्रत्येक स्कूल को निकटतम पुलिस थाना के लिए अग्रसारित करना होगा.

Updated on: 25 Feb 2020, 06:15 PM

पटना:

बिहार (Bihar) के स्कूलों में यौन उत्पीड़न से जुड़ी शिकायतें सुनने के लिए जल्द ही 'यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) सेल' गठित किए जाएंगे. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (बीईपीसी) ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं. बीईपीसी के एक अधिकारी ने कहा कि राज्य के वर्ग एक से वर्ग 12वीं तक के करीब 75,000 स्कूलों में छात्रों से अनुचित स्पर्श, यौन दुराचार या स्कूल या घर पर शोषण से संबंधित शिकायतें सुनने के लिए पॉक्सो सेल बनेगा. यह सेल मार्च से काम करने लगेगा. मिली शिकायतों को प्रत्येक स्कूल को निकटतम पुलिस थाना के लिए अग्रसारित करना होगा.

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एक अधिकारी ने बताया, 'पक्सो सेल के जरिए अधिनियम के प्रावधानों की जानकारी अभिभावकों और शिक्षकों को दी जाएगी. पहले चरण में हर प्रखंड के एक शिक्षक को प्रशिक्षण दिया जाएगा. बाद में वे अपने प्रखंड के अन्य शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे. शिक्षा विभाग ने यूनिसेफ की मदद से ट्रेनिंग मड्यूल बनाया है. इसमें पॉक्सो अधिनियम की संक्षिप्त जानकारी व स्कूलों में बच्चों से होने वाले यौन शोषण के उदाहरण दिए गए हैं.'

बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (बीईपीसी) की विशेष परियोजना अधिकारी किरण कुमारी ने कहा कि यह दो स्तरों पर काम करेगा. हमने फरवरी के अंत तक सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को वर्ग एक से 12वीं तक के प्रत्येक स्कूल में पॉक्सो सेल बनाने के निर्देश दे दिए हैं. यह एक मार्च से काम करना शुरू कर देगा. अप्रैल से डीईओ (जिला शिक्षा अधिकारी) इसकी निगरानी शुरू कर देंगे. किरण ने कहा कि स्कूल के प्राचार्य की अध्यक्षता वाली इस समिति में एक शिक्षक, एक शिक्षिका, एक छात्र, एक छात्रा व लिपिक सदस्य होंगे.

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उन्होंने कहा, 'एक छात्र यौन शोषण की किसी भी शिकायत को सीधे समिति को सौंप सकता है या उसे अपनी पहचान के साथ या इसके बिना भी शिकायत पेटी में छोड़ सकता है. समिति स्कूलों में बच्चों के साथ होने वाले मानसिक, भावनात्मक व शारीरिक यौन शोषण को लेकर काम करेगी.' किरण ने कहा, 'पहले यह राज्य के माध्यमिक स्कूलों में लागू किया जाएगा, बाद में इसे मध्य और प्राथमिक स्कूलों में लागू किया जाएगा.' उन्होंने कहा कि समिति बच्चों और अभिभावकों को इंटरनेट के सही उपयोग भी बताएगी, ताकि बच्चों को पोर्न साइट देखने से होने वाले दुष्प्रभावों को रोका जा सके.

यूनिसेफ बिहार के प्रवक्ता निपुण गुप्ता ने कहा, 'स्कूलों में यौन शोषण को रोकने के लिए विशेषज्ञ एजेंसियों के समर्थन के साथ दिशा-निर्देश और प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित करने में बीईपीसी को तकनीकी सहायता यूनिसेफ द्वारा दिया जा रहा है.' उन्होंने कहा कि उच्च विद्यालयों के चयनित शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया गया है. ये प्रशिक्षक अगले शैक्षणिक सत्र के दौरान सभी स्कूलों में शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे. इसका उद्देश्य स्कूलों को सुनिश्चित करना है कि शिक्षक संवेदनशील बनें और बच्चों के यौन शोषण को रोकने में मदद कर सकें.

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