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बिहार: जानिए कौन हैं मंजू वर्मा और मुजफ्फरपुर शेल्टर होम की घटना से उनके संबंध

मंजू वर्मा जनता दल (यूनाइटेड) की नेता हैं और साल 2010 से बिहार के बेगूसराय जिले के चेरियाबेरियारपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं।

Updated on: 09 Aug 2018, 10:17 AM

पटना:

बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह में 34 लड़कियों के साथ यौन दुराचार मामले में भारी आलोचनाओं के बाद राज्य की सामाजिक कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया। विपक्षी पार्टियां मंजू वर्मा के पति चंद्रेश्वर वर्मा से शेल्टर होम मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर से संबंध होने का आरोप लगाकर लगातार मंत्री से इस्तीफे की मांग कर रहा था। मंजू वर्मा ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि उन्हें टारगेट किया गया।

मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि मंजू वर्मा ने नीतीश कुमार से मुलाकात कर अपना इस्तीफा पत्र उन्हें दिया। उन्होंने अपने पति का बचाव करते हुए कहा कि मेरे पति निर्दोष हैं और जांच के बाद भी निर्दोष साबित होंगे।

जानिए कौन है मंजू वर्मा और मुजफ्फरपुर शेल्टर होम की घटना से उनके संबंध

मंजू वर्मा जनता दल (यूनाइटेड) की नेता हैं और साल 2010 से बिहार के बेगूसराय जिले के चेरियाबेरियारपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं। वर्मा बिहार में एनडीए सरकार में जेडी सामाजिक कल्याण मंत्री थी लेकिन मुजफ्फरपुर शेल्टर होम की घटना में लगातार बन रहे दवाब के बीच बुधवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

मुजफ्फरपुर बालिका गृह में 34 लड़कियों के साथ बलात्कार मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर का संबंध मंजू वर्मा के पति चंद्रेश्वर वर्मा के साथ होने का खुलासा हुआ था।

मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर ने मुजफ्फरपुर अदालत परिसर में पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कहा था कि उसका मंत्री के पति से व्यवहारिक संबंध है। ब्रजेश ठाकुर के इस बयान के बाद मंजू वर्मा पर इस्तीफे का दबाव और बढ़ गया था।

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मीडिया रिपोर्ट में सामने आया था कि मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर ने इस साल जनवरी से जून तक 17 बार मंजू वर्मा के पति से मोबाइल फोन पर बातचीत की थी। हालांकि मंत्री ने पूरे मामले पर कहा कि सीबीआई जांच के बाद सब कुछ साफ हो जाएगा।

जानिए पूरा मामला

सेवा संकल्प एवं विकास समिति द्वारा संचालित मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह में करवाए गए सोशल ऑडिट में लड़कियों के यौन उत्पीड़न की बात सामने आई थी। बाद में मेडिकल परीक्षण में 34 लड़कियों से बलात्कार की पुष्टि हुई थी।

बिहार समाज कल्याण विभाग ने मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) की ओर से बिहार के सभी आश्रय गृहों का सर्वेक्षण करवाया था, जिसमें यौन शोषण का मामला सामने आया था।

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इस सोशल ऑडिट के आधार पर मुजफ्फरपुर महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। इसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए संस्था के संरक्षक ब्रजेश ठाकुर समेत 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। वर्तमान में पूरे मामले की जांच सीबीआई कर रही है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लंबे समय के बाद चुप्पी तोड़ते हुए इस घटना की आलोचना की थी और कहा था कि दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा।