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मध्य प्रदेश: कांग्रेस को सुप्रीम कोर्ट से झटका, फर्जी वोटर लिस्ट पर दाखिल याचिका खारिज

मध्य प्रदेश और राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के दो बड़े नेता कमलनाथ और सचिन पायलट को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है.

Updated on: 12 Oct 2018, 05:46 PM

भोपाल:

मध्य प्रदेश और राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के दो बड़े नेता कमलनाथ और सचिन पायलट को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस के एमपी और राजस्थान में 60 लाख फर्जी वोटर के दावे को लेकर चुनाव आयोग को दिशा निर्देश देने की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने माना कि चुनाव आयोग के मैकेनिज्म में खामी नहीं है. विधानसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में फर्जी वोटरों का मामला गर्माया हुआ है. कांग्रेस ने राज्य की वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों का आरोप लगाते हुए 60 लाख फर्जी वोटर होने का दावा किया था.

कांग्रेस नेताओं की मांग

दोनों नेताओं ने वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप लगाया था। कमलनाथ ने मध्यप्रदेश की मतदाता सूची की समीक्षा और लिस्ट टेक्सट फॉर्मेट में देने की मांग की थी। वहीं सचिन पायलट ने राजस्थान के वोटर लिस्ट की समीक्षा मांग की थी। दोनों ने विधानसभा चुनाव में 10% वीवीपैट पर्ची के ईवीएम से मिलान की भी मांग की थी

चुनाव आयोग का पक्ष

चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर दोनों याचिकाओं को खारिज किये जाने की मांग की थी. चुनाव आयोग ने कहा था कि आयोग अपने आप में एक स्वतंत्र संवैधानिक संस्था है, जो नियमों कानून के मुताबिक काम करता है, न कि किसी राजनैतिक पार्टी की इच्छा निर्देशों के मुताबिक. कांग्रेसी नेताओं को ये अधिकार नहीं कि वो बताए कि चुनाव कैसे होगा. आयोग को अपनी ड्यूटी और रोल का बखूबी पता है और उसके मुताबिक चुनाव के लिए सभी आवश्यक निर्देश पहले ही जारी कर चुका है, याचिका में उठाई गई सारी आशकाएं गैर वाज़िब और काल्पनिक है.

'फर्ज़ी सबूत रखने का आरोप'

सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता कमलनाथ पर फर्जी सबूत रखने का आरोप भी लगाया था। आयोग ने कहा था कि वेबसाइट में मौजूद लिस्ट में हेर-फेर कर कोर्ट में पेश किया गया है. ऐसे में याचिकाकर्ता पर फर्जी सबूत पेश कर कोर्ट को गुमराह करने का केस चलना चाहिए.

इसके जवाब में कमलनाथ के वकील कपिल सिब्बल ने सफाई दी कि निजी वेबसाइट में ये लिस्ट थी. हमने चुनाव आयोग को भी ये लिस्ट सौंपी थी. इस पर कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा था कि इस बात की जांच करें कि क्या आयोग को भी ये लिस्ट सौंपी गई थी. अगर हां तो आयोग ने निजी वेबसाइट के खिलाफ क्या कार्रवाई की. इसके जवाब में चुनाव आयोग का कहना था कि याचिकाकर्ता की ओर से जो आपत्तियां उठाई गई है, उन्हें चुनाव आयोग पहले ही सुधार चुका है.

कांग्रेस ने फर्जी वोटर लिस्ट को लेकर अपनी पांच मांगे रखी थी

1. वोटर लिस्ट की फिर से जांच हो.

2. हर रिटर्निंग ऑफिसर से सर्टिफिकेट मांगा जाना चाहिए.

3. जिन्होंने फर्जी वोटरों को शामिल किया हो उन पर करवाई की जाए.

4. अगली सूची में भी अगर गड़बड़ी पाई जाती है तो अधिकारी पर कार्रवाई की जाए.

5. ऐसे अधिकारी को 6-10 साल तक किसी भी मतदान कार्य प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाए.

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की घोषणा हो गई है यहां के 230 विधानसभा सीटों पर 28 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. 28 नवंबर को ही मिजोरम में भी चुनाव होगा. मतों की गिनती 11 दिसंबर को की जाएगी. मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओम प्रकाश रावत ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'मध्य प्रदेश और मिजोरम में 28 नवंबर को मतदान होंगे.'

साल 2013 विधानसभा में यहां बीजेपी को कुल 165 सीटों पर जीत हासिल हुई थी जबकि कांग्रेस को मात्र 58 सीटों से संतोष करना पड़ा था. इसके अलावा अन्य को 3 सीट और बीएसपी (बहुजन समाज पार्टी) को 4 सीटों पर विजय मिली थी.