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कानपुर: अंगदान को लेकर मदरसे ने जारी किया फतवा, बताया गैर-इस्लामिक

मदरसे ने एक मुस्लिम व्यक्ति के अंगदान करने की शपथ लेने पर उसके खिलाफ फतवा जारी करते हुए मुस्लिम समाज से उसका बहिष्कार करने को कहा है।

Updated on: 17 Mar 2018, 09:43 AM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के कानपुर में स्थित मदरसे ने अंगदान को लेकर फतवा जारी किया है। मदरसे ने एक मुस्लिम व्यक्ति के अंगदान करने की शपथ लेने पर उसके खिलाफ फतवा जारी करते हुए मुस्लिम समाज से उसका बहिष्कार करने को कहा है।

दानकर्त्ता अरशद मंसूरी ने अपनी मृत्यु के बाद अंग दान करने के लिए हस्ताक्षर किए हैं।

मंसूरी ने कहा, 'मैंने समाज के कल्याण के लिए अपने अंगों को दान करने का वचन दिया है। मैं चाहता हूं कि सभी मुसलमान भाई भी ऐसा करें। लेकिन मुझे पता चला है कि मेरे ऐसा करने की वजह से मेरे खिलाफ फतवा जारी किया गया हैं।'

उन्होंने कहा कि फतवे में लिखा है कि अंगदान करने की इजाज़त इस्लाम में नहीं है।

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मंसूरी ने कहा कि मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं है क्यूंकि मेरे लिए धर्म से ज्यादा मानव जाति की सेवा मायने रखती है।

मंसूरी ने कहा,' मेरे अनुसार समाज की भलाई के लिए काम करना सच्चा धर्म होता है। मुझे तो यह मौलाना लोग नकली लगते हैं। मुझे धमकी भरी कॉल्स आ रही हैं।'
हालांकि इस दौरान एक स्थानीय मौलाना हनीफ बकरती ने कहा कि मंसूरी बस बदनाम करने के लिए ऐसा कर रहे हैं।

मौलाना हनीफ ने कहा,' मंसूरी ने मुझसे पूछा था कि अंगदान को लेकर इस्लाम में क्या कहा गया है। जिसके बाद मैनें उन्होंने बताया कि यह इस्लाम प्रतिबंधित हैं। मेरे हिसाब से जिस व्यक्ति को अल्लाह में विश्वास नहीं है उसके मुसलमान होने पर शक होता है।'

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