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योगी आदित्‍यनाथ सरकार के दो सालः 5 बड़े विवादों में फंसी यूपी सरकार

18 मार्च को उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के दो साल पूरे हो गए. इन दो वर्षों में योगी सरकार को विवादों का सामना करना पड़ा.

Updated on: 19 Mar 2019, 01:40 PM

नई दिल्‍ली:

19 मार्च को उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के दो साल पूरे हो गए. इन दो वर्षों में योगी सरकार को विवादों का सामना करना पड़ा. यहां तक सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आरोप लगे. विपक्ष ने इन विवादों पर जमकर राजनीति की. चाहे वो कथित तौर पर फर्जी एनकाउंटर के मामले हों या बुलंद शहर में इंस्‍पेक्‍टर की हत्‍या, योगी को विपक्ष घेरने में कोई मौका नहीं छोड़ा.

1. फर्जी एनकाउंटर करने का आरोप

सपा सरकार में बिगड़ी कानून व्‍यवस्‍था को पटरी पर लाने के लिए सत्‍ता में आते ही योगी की सरकार ने ताबड़तोड़ एनकाउंटर किए. विपक्ष और मुठभेड़ में मारे गए कुछ लोगों ने पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर करने का आरोप लगाया. विपक्षी नेताओं का कहना था कि योगी ने अपने फायदे के लिए एनकाउंटर कराए हैं. मामला उस वक्त और गर्मा गया, जब यूपी पुलिस पर आरोप लगा कि अलीगढ़ में हुए दो एनकाउंटर किए गए. जिनके लिए मीडिया को मौके पर बुलाकर शूटिंग करवाई गई. उनमें से एक एनकाउंटर में मारे गए नौशाद की मां ने इस मुठभेड़ को फर्जी करार दिया.
योगी सरकार में मुठभेड़ के आंकड़े

  • 2000 से ज्यादा बार पुलिस की बदमाशों से हुई मुठभेड़
  • 73 अपराधी पुलिस एनकाउंटर में ढेर, 534 हुए घायल
  • 04 पुलिसकर्मी हुए शहीद, 390 पुलिसकर्मी हुए घायल
  • 07 हजार अपराधियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
  • 2700 ईनामी अपराधियों को किया गया गिरफ्तार
  • 211 अपराधियों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई
  • 2253 अपराधियों पर लगाया गया गैंगस्टर एक्ट
  • 194 अपराधियों की 177 करोड़ की संपत्तियां हुई जब्त

2. बुलंदशहर हिंसाः इंस्पेक्टर की हत्या

पुलिस को 3 दिसंबर, 2018 को बुलंदशहर के गांव महाव में गोकशी की सूचना मिली. स्याना थाने के प्रभारी निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह कई पुलिसकर्मियो को लेकर सरकारी टाटा सूमो से मौके पर पहुंचे. वहां गोकशी के शक में जमा भीड़ का नेतृत्व बजरंग दल का जिला संयोजक योगेश राज कर रहा था. उन लोगों ने रास्ता जाम कर लगा रखा था. उन्‍हें समझाने गए इंस्पेक्टर सुबोध पर योगेश राज और उसके साथियों ने हमला कर दिया. पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी. इसी दौरान योगेश राज के इशारे पर इंस्पेक्टर सुबोध की पिस्टल और मोबाइल लूट लिया गया. फिर उन्हें गोली मार दी गई. जिससे उनकी मौत हो गई.


3. एप्पल के अधिकारी की हत्या

लखनऊ के पॉश इलाके गोमती नगर विस्तार में यूपी पुलिस के कॉन्स्टेबल प्रशांत चौधरी ने एप्पल के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी को गोली मार दी. जिसके चलते उनकी मौत हो गई. इस मामले में मृतक का परिवार लगातार पुलिस पर सवाल उठाता रहा. लखनऊ के गोमतीनगर थाने में इस वारदात की FIR दर्ज की गई. जिसमें विवेक की पत्नी ने पुलिसवालों के खिलाफ उनके पति के कत्ल का केस दर्ज कराया था. इस मामले में सरकार चारों तरफ से घिरती नजर आई.


4. सहारनपुरः दलित-क्षत्रिय हिंसा

2017 में यूपी के सहारनपुर में जातीय हिंसा भड़क गई थी. जहां डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का अपमान किए जाने के बाद दलित और क्षत्रिय आपस में भिड़ गए थे. इसी दौरान बसपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती दलितों का हाल जानने शब्बीरपुर गांव जा पहुंची. उनके वहां से जाने के बाद फिर से हिंसा भड़क गई थी. उस हिंसा में आशीष नामक युवक की गोली लगने से मौत हो गई थी. पुलिस ने इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया था. इस हिंसा को लेकर यूपी पुलिस और सरकार को लेकर कई सवाल उठे थे.

5. कासगंजः 26 जनवरी के दिन बवाल

कासगंज में गणतंत्र दिवस के दिन झंडा यात्रा में गीत बजाने और नारेबाजी के बाद दो गुटों के बीच हिंसा भड़क गई थी. इस दौरान उपद्रवियों की गोली से एक युवक की मौत हो गई थी. इस मामले में सरकार की काफी किरकिरी हुई.विपक्ष ने जमकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा. इस मामले में पुलिस पर वर्ग विशेष के लोगों पर एक तरफा कार्रवाई करने का आरोप भी लगे.