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अखिलेश यादव का योगी सरकार पर हमला, कहा- यूपीकोका नहीं ये धोखा है

योगी आदित्यनाथ सरकार के उत्तर प्रदेश संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (यूपीकोका) बिल को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लिया है।

Updated on: 21 Dec 2017, 07:54 AM

नई दिल्ली:

योगी आदित्यनाथ सरकार के उत्तर प्रदेश संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (यूपीकोका) बिल को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा कि यूपीकोका नहीं ये धोखा है।

साथ ही मुख्यमंत्री आवास के पास सेल्फी लेने पर प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर भी अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'नए साल में जनता को उत्तर प्रदेश सरकार का तोहफा, सेल्फी लेने पर लग सकता है यूपीकोका!'

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास 5 कालिदास मार्ग से लगने वाली सड़क के बाहर यूपी पुलिस ने चेतावनी लिखा एक बैनर लगया है। जिसपर यह बताया गया है कि किसी भी तरह की तस्वीर या सेल्फी लेना अपराध है। अगर कोई सेल्फी लेता पकड़ा गया तो वो सजा का हकदार होगा।

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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने कहा, 'यूपीकोका नहीं ये धोखा है। फर्नीचर साफ करने के पाउडर को PETN विस्फोटक बताने वाले जनता को बहकाने में माहिर हैं। 9 महीनों में बीजेपी ने जन सुरक्षा से खिलवाड़ करते हुए न सिर्फ समाजवादी 'यूपी100' और महिला सुरक्षा की '1090 हेल्पलाइन' को ,बल्कि समाजवादी विकास पथ पर बढ़ते प्रदेश को रोका है।'

'राम राम जपना पराया काम अपना'

अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि 'राम राम जपना पराया काम अपना', महिला सुरक्षा के लिए समाजवादी सरकार द्वारा शुरू की गयी 'वीमेन पावर लाइन 1090' को उत्तम सेवा के लिए मिला PAN-IIM डिजिटल इंडिया एक्सीलेंस अवॉर्ड 2017।

योगी ने पेश किया यूपीकोका बिल

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपीकोका विधेयक बुधवार को सदन विधानसभा में पेश किया। विपक्ष ने एक सुर से इस विधेयक को काला कानून करार दिया।

आदित्यनाथ ने यूपीकोका विधेयक अचानक सदन में पेश कर दिया। हालांकि सदन की कार्यसूची में पहले यह शामिल नहीं था, लेकिन सत्ता पक्ष की ओर से पेश किए गए इस विधेयक से विपक्ष चकरा गया।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार यूपीकोका के प्रस्ताव को सदन में पेश कर रही है। इस विधेयक के कानून बन जाने के बाद संगठित अपराध को रोकने में मदद मिलेगी।

यूपीकोका विधेयक पेश किए जाने के बाद नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने पत्रकारों से कहा कि सरकार पहले ही अघोषित आपातकाल उप्र में लगा चुकी है।

क्या है प्रावधान?

यूपीकोका अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत होने वाले अभियोग मंडलायुक्त तथा परिक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक की दो सदस्यीय समिति के अनुमोदन के बाद ही पंजीकृत होंगे।

अब तक पुलिस पहले अपराधी को पकड़कर अदालत में पेश करती थी, फिर सबूत जुटाती थी। लेकिन यूपीकोका के तहत पुलिस पहले अपराधियों के खिलाफ सबूत जुटाएगी और फिर उसी के आधार पर उनकी गिरफ्तारी होगी। यानी अब अपराधी को अदालत में अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी।

इसके अलावा सरकार के खिलाफ होने वाले हिंसक प्रदर्शनों को भी इसमें शामिल किया गया है। इस विधेयक में गवाहों की सुरक्षा का खासा ख्याल रखा गया है। यूपीकोका के तहत आरोपी यह नहीं जान सकेगा कि किसने उसके खिलाफ गवाही दी है।

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