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मध्‍य प्रदेश के किसानों के हक के लिए संघर्ष करेंगे शिवराज सिंह चौहान

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य सरकार से किसानों को उनका हक देने की मांग करते हुए चेतावनी दी है

Updated on: 31 Dec 2018, 02:06 PM

भोपाल:

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य सरकार से किसानों को उनका हक देने की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि किसानों को हक न मिलने पर उनका हक दिलाने के लिए संघर्ष किया जाएगा. चौहान ने रविवार की देर रात को ट्वीट कर राज्य की कमलनाथ सरकार को चेतावनी दी है. उन्होंने लिखा, "पूरे प्रदेश में ठंड के कारण फसलों को जो नुकसान हुआ है उसके मुआवजे के लिए मैं आवाज उठा कर संघर्ष करूंगा. "

ज्ञात हो कि राज्य के कई हिस्सों में पाला पड़ने से फसलों को नुकसान हुआ है. प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा दिए जाने की मांग उठने लगी है.  चौहान ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि किसानों को अपने पसीने की पूरी कीमत देना हर सरकार का फर्ज है.

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हमारी सरकार ने सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों को फसल बेचने पर 500 रुपये प्रति क्विंटल देने का कैबिनेट में फैसला लिया था और बजट में भी यह प्रावधान किया था. मेरी कांग्रेस सरकार से विनती है कि इस पर तुरंत अमल किया जाए. वहीं मुख्यमंत्री कमल नाथ ने पाला प्रभावित सभी जिलों के कलेक्टर्स  को पाला प्रभावित फसल के त्वरित सर्वे करने के निर्देश दिए हैं. 

जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में होगा सर्वे

मध्य प्रदेश में पाला पड़ने के बाद खराब हुई फसलों का सर्वे अब जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में होगा. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में साफ कहा कि प्रशासनिक अमले की मनमानी खराब फसलों के सर्वे में खत्म की जाएगी और अब हर बार सर्वे के दौरान जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे, जिनमें विधायक भी शामिल हैं. जनप्रतिनिधि का सर्टिफिकेट ही सर्वे के सही होने का सबूत होगा. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने साफ तौर पर कहा कि किसानों की समस्याओं को लेकर गंभीर है... और इसके लिए प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को मिलकर ही काम करना होगा.