logo-image

थ्री लैंग्वेज सिस्टम पर बोले शशि थरूर, साउथ में हिंदी है, नॉर्थ में मलायम या तमिल का नामलेवा नहीं

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रारूप 2019 के अनुसार गैर हिंदी भाषी राज्य में थ्री लैंग्वेज सिस्टम के तहत मातृभाषा के अलावा हिंदी और इंगलिश को शामिल करने की शिफारिश की गई है

Updated on: 02 Jun 2019, 06:05 PM

highlights

  • थ्री लैंग्वेज सिस्टम पर बोले शशि थरूर
  • इसको सही से क्रियान्वयन किया जाए
  • साउथ में हिंदी पढ़ाने पर जोर

नई दिल्ली:

देश की शिक्षा संस्थान में थ्री लैंग्वेज सिस्टम लागू करने की बात चल रही है. इस मसौदे को पिछले साल लाया गया था. जब मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर थे. थ्री लैंग्वेज सिस्टम पर तिरुवनंतपुरम से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने रविवार को कहा कि थ्री लैंग्वेज सिस्टम का समाधान तथ्यों को त्यागने से नहीं, बल्कि उसके बेहतर क्रियान्वयन में निहित होता है. इस सिस्टम को अच्छे से इम्पलिमेंटेशन किया जाए.

 

यह भी पढ़ें - IT अधिकारी ने मुंह से पानी भरकर सांप को पिलाया, लोग रह गए हैरान

थ्री लैंग्वेज सिस्टम को कभी ठीक से लागू नहीं किया गया 

थरूर ने राष्ट्रीय शिक्षा की नई नीति के मसौदे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इसका समाधान थ्री लैंग्वेज सिस्टम को छोड़ने से नहीं बल्कि इसे सही से क्रियान्वयन करने से होगा. उन्होंने कहा कि थ्री लैंग्वेज सिस्टम 1960 के दशक के बीच में चला गया था. इसको कभी ठीक से लागू नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि साउथ में हम में से अधिकांश लोग हिंदी सैकेंड लैंग्वेज के रूप में सीखते हैं, लेकिन उत्तर भारत में कोई भी मलायम या तमिल नहीं सीख रहा है.

यह भी पढ़ें - कार्यभार संभालते ही 'एक्शन' में आए एस जयशंकर, महिला के मदद मांगने पर दिया आश्वासन

इंग्लिश के अलावा एक कोई भी भारतीय लैंग्वेज को करने की शिफारिश

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रारूप 2019 के अनुसार गैर हिंदी भाषी राज्य में थ्री लैंग्वेज सिस्टम के तहत मातृभाषा के अलावा हिंदी और इंगलिश को शामिल करने की शिफारिश की गई है. वहीं हिंदी भाषी राज्य में इंग्लिश के अलावा एक कोई भी भारतीय लैंग्वेज को शामिल करने की शिफारिश की गई है.