logo-image

उत्तर प्रदेश में सत्ता बदलते ही खास अफसरों की जांच शुरू

उत्तर प्रदेश में नई सरकार अभी बनने को है, मगर पुरानी सरकार के खास अफसरों के खिलाफ जांच शुरू हो गई है। पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन और मौजूदा प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पांडा निशाने पर हैं।

Updated on: 18 Mar 2017, 09:05 PM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में नई सरकार अभी बनने को है, मगर पुरानी सरकार के खास अफसरों के खिलाफ जांच शुरू हो गई है। पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन और मौजूदा प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पांडा निशाने पर हैं।

बता दें कि आरएसएस समर्थक आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन और मौजूदा प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पांडा द्वारा उनके सेवा संबंधी मामलों में फर्जी अभिलेख बनाकर उन्हें प्रताड़ित करने के संबंध में मई, 2016 में डीओपीटी, भारत सरकार को शिकायत भेजी थी।

यह भी पढ़ें- LIVE: राज्यपाल से मिलकर उत्तर प्रदेश के नये CM योगी आदित्यनाथ ने पेश किया सरकार बनाने का दावा

उन्होंने गृह विभाग और डीजीपी कार्यालय के रिकॉर्ड के आधार पर कहा था कि इन अफसरों ने आपराधिक षड्यंत्र कर अनेक फर्जी तरीके से उनके निलंबन विषयक कई सारे फर्जी रिकॉर्ड बनाए और उन्हें गलत तरीके से निलंबित रखा।

डीओपीटी ने नवंबर, 2016 में उत्तर प्रदेश शासन को इस शिकायत की जांच कराए जाने को कहा था, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने अब तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं की थी।

अब चार महीने बाद नियुक्ति अनुभाग-5 के अनुसचिव कमला सिंह यादव ने अपने आदेश 17 मार्च द्वारा अमिताभ को अपनी शिकायत के संबंध में शपथपत्र देने और शिकायतों की पुष्टि में अतिरिक्त साक्ष्य देने को कहा है, ताकि जांच में आगे की कार्रवाई की जा सके।

यह भी पढ़ें- बीजेपी पर भारी पड़ा संघ, RSS के चहेते योगी आदित्यनाथ बने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री