logo-image

मध्य प्रदेश : कमलनाथ कैबिनेट में 28 मंत्रियों ने ली शपथ, दिग्विजय सिंह के बेटे को मिला मंत्री पद

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ कैबिनेट में मंगलवार को 28 मंत्रियों ने राजभवन में शपथ ली जिसमें 3 महिलाओं को जगह दी गई है.

Updated on: 25 Dec 2018, 06:09 PM

भोपाल:

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ कैबिनेट में मंगलवार को 28 मंत्रियों ने राजभवन में शपथ ली जिसमें 2 महिलाओं और एक निर्दलीय को जगह दी गई है. राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने सभी मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. मंत्रिमंडल में जातीय और क्षेत्रीय समीकरण का पूरा ध्यान रखा गया है. 28 मंत्रियों में 9 सवर्ण, 8 ओबीसी, 4 एससी, 3 आदिवासी और अन्य समुदायों को भी जगह मिली है. इसमें 15 विधायकों को पहली बार मंत्री बनाया गया है. सरकार में 15 साल बाद मुस्लिम समुदाय के आरिफ अकील को प्रतिनिधित्व दिया गया है.

मंत्रिमंडल में राज्य के तीनों बड़े नेता कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन वाले विधायकों को जगह दी गई है. मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री कमलनाथ के 11, दिग्विजय सिंह के 9, ज्योतिरादित्य सिंधिया के 7 और अरुण यादव खेमे के 1 मंत्री को शामिल किया गया है.

शपथ लेने वाले मंत्रियों में डॉ. गोविंद सिंह, आरिफ अकील, बृजेंद्र सिंह राठौर, सज्जन सिंह वर्मा, बाला बच्चन, लाखन सिंह यादव, विजय लक्ष्मी साधो, हुकुम सिंह कराड़ा, तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, ओमकार सिंह मरकाम, सुखदेव पांसे, प्रभुराम चौधरी, जयवर्धन सिंह, हर्ष यादव, कमलेश्वर पटेल, लखन घनघोरिया, तरुण भनोट, पी सी शर्मा, सचिन यादव, सुरेंद्र सिंह बघेल, जीतू पटवारी, उमंग सिंगार, प्रद्युम्न सिंह तोमर, प्रदीप जायसवाल, महेंद्र सिंह सिसौदिया, इमरती देवी और प्रियव्रत सिंह शामिल हैं.

इससे पहले 17 दिसंबर को कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. मंत्रिमंडल में छिंदवाड़ा से कोई मंत्री नहीं बनाया गया है. मुख्यमंत्री कमलनाथ छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ने वाले हैं. छिंदवाड़ा से दीपक सक्सेना अपना पद छोड़ेंगे.

मंत्रिमंडल में शामिल जयवर्धन सिंह राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पुत्र है. 09 जुलाई 1986 को राजपरिवार में जन्मे जयवर्धन सिंह ने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, नई दिल्ली से बी. कॉम की डिग्री ली उसके बाद कोलम्बिया युनिवर्सिटी न्यूयॉर्क से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन से मास्टर डिग्री प्राप्त कर राजनैतिक क्षेत्र में कदम रखा था.

और पढ़ें : छत्‍तीसगढ़: CM भूपेश बघेल की सोशल इंजीनियरिंग, सभी समाज को दी जगह

उन्होंने 2013 में राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र के चुनाव मैदान से कांग्रेस के विधायक के रूप में बड़ी जीत हासिल की थी. 2018 में भी राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र से ही दूसरी बार जीत हासिल की है.

मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस 114 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी और बहुमत का आंकड़ा छूने में असफल रही थी. बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में राज्य में 2 और 1 सीट जीतने वाली बसपा और सपा ने कांग्रेस को समर्थन दिया था.

और पढ़ें : Lok Sabha Election: ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद KCR ने कहा, जल्द ही एक मजबूत योजना के साथ आएंगे

इसके अलावा कांग्रेस के बागी 4 बागी विधायकों ने भी समर्थन दिया जिसके बाद कांग्रेस के पक्ष में कुल विधायकों की संख्या 121 हो गई थी. राज्य में पिछले 15 सालों से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को कुल 109 सीटें हासिल हुई थीं. राज्य विधानसभा का नया सत्र 8 जनवरी से शुरू होने की संभावना है.