जम्मू-कश्मीर में अभी क्यों नहीं होंगे विधानसभा चुनाव? देखें 6 लोकसभा सीट पर वोटिंग की तारीख
सुनील अरोड़ा ने रविवार को घोषणा की कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हाल की हिंसात्मक घटनाओं और अन्य कारणों की वजह से एकसाथ (लोकसभा चुनाव के साथ) नहीं होंगे.
श्रीनगर:
जम्मू-कश्मीर में एकसाथ लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव कराए जाने की अटकलें खत्म हो चुकी हैं. चुनाव आयोग ने आगामी लोकसभा चुनाव और ओडिशा, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनावों के तारीखों की घोषणा रविवार को कर दी, लेकिन जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की घोषणा नहीं की गई. हालांकि आयोग ने जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव के लिए 3 पूर्व नौकरशाहों को विशेष पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया जिससे चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराए जा सके. इसमें अमरजीत सिंह गिल (पूर्व डीजी, सीआरपीएफ, आईपीएस 1972 बैच), नूर मोहम्मद (आईएएस 1977) और विनोद जुत्शी (आईएएस 1982) शामिल हैं.
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा, 'आयोग ने जम्मू-कश्मीर के लिए तीन विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त कर अधिक प्रभावी निगरानी करने का निर्णय लिया है. आयोग जम्मू-कश्मीर में नियमित और वास्तविक समयानुसार स्थिति की मॉनिटरिंग करेगी और विधानसभा चुनाव जल्द कराने के लिए सभी जरूरी जानकारियां लगातार लेता रहेगा.'
विधानसभा चुनाव अभी क्यों नहीं?
इस सवाल पर सुनील अरोड़ा ने रविवार को घोषणा की कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हाल की हिंसात्मक घटनाओं और अन्य कारणों की वजह से एकसाथ (लोकसभा चुनाव के साथ) नहीं होंगे.
अरोड़ा ने कहा, 'आयोग राज्य में स्थिति की लगातार जानकारी ले रहा है. इनपुट के आधार पर, केंद्रीय बलों और अन्य लॉजिस्टिक्स के अभाव के कारण, हालिया हिंसा और उम्मीदवारों की सुरक्षा के लिए बलों की जरूरतों और अन्य चुनौतियों को देखते हुए चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में सिर्फ लोकसभा चुनाव कराने का निर्णय लिया है.'
उन्होंने कहा, 'आयोग ने राज्य प्रशासन और गृह मंत्रालय के सचिव के साथ कई दौर की बैठकें की हैं. इन सभी को देखते हुए आयोग ने इस वक्त सिर्फ लोकसभा चुनाव कराने की घोषणा की है.'
इस सवाल पर कि 1990 के मध्य दशक के बाद से घाटी में विधानसभा चुनावों में कभी देरी नहीं हुई, इस पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, 'केंद्रीय बल एक बड़ा मुद्दा है और हाल की घटनाओं से कोई भी इंकार नहीं कर सकता है. 1996 और 1997 से कई राज्यों में अब किसी राज्य में केंद्रीय बलों की जरूरतें कम नहीं हुई हैं. जरूरत कभी स्थिर नहीं रही है.'
जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव की तारीख
जम्मू-कश्मीर में 6 संसदीय सीटों के लिए 5 चरणों में लोकसभा चुनाव होंगे. अनंतनाग सीट पर सुरक्षा कारणों से तीन चरणों में चुनाव होंगे. पहले चरण में 11 अप्रैल को बारामुला और जम्मू, दूसरे चरण में 18 अप्रैल को श्रीनगर और ऊधमपुर, तीसरे चरण में 23 अप्रैल को अनंतनाग सीट के लिए अनंतनाग जिले में वोटिंग, चौथे चरण में 29 अप्रैल को अनंतनाग सीट के लिए कुलगाम जिले में वोटिंग, पांचवें चरण में 6 मई को अनंतनाग सीट के लिए शोपियां व पुलवामा में वोटिंग और लद्दाख में चुनाव होंगे.
दिसंबर से लागू है राष्ट्रपति शासन
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में पिछले साल 20 दिसंबर से राष्ट्रपति शासन लागू है. पिछले साल जम्मू-कश्मीर में बीजेपी द्वारा समर्थन वापस लिये जाने के बाद पीडीपी-बीजेपी गठबंधन टूट गया था जिसके बाद 19 जून को राज्य में छह महीने के लिए राज्यपाल शासन लगा दिया गया था.
जम्मू-कश्मीर में पिछला विधानसभा चुनाव 25 नवंबर से 20 दिसंबर 2014 के बीच 5 चरणों में आयोजित किया गया था. वहीं राज्य में चुनाव परिणाम 23 दिसंबर को घोषित किए गए थे. राज्य में 28 सीटों के साथ पीडीपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर निकली थी.
अरोड़ा ने एक सप्ताह पहले ही चुनाव कराने को लेकर जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था. राज्य विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव के साथ कराने को लेकर कहा था, 'आयोग ने जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव, डीजीपी, केंद्रीय गृह सचिव और सभी राजनीतिक दलों के साथ बातचीत की है. हम हर चीच को देखेंगे और इसके बारे में दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस में बताएंगे.'
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Dharma According To Ramayana: रामायण के अनुसार धर्म क्या है? जानें इसकी खासियत
-
Principles Of Hinduism : क्या हैं हिंदू धर्म के सिद्धांत, 99% हिंदू हैं इससे अनजान
-
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया के दिन शुभ मुहूर्त में खरीदें सोना-चांदी, भग्योदय होने में नहीं लगेगा समय
-
Types Of Kaal Sarp Dosh: काल सर्प दोष क्या है? यहां जानें इसके प्रभाव और प्रकार के बारे में