logo-image

मौसम विभाग का अलर्ट जारी 'वायु' 13 जून को पहुंचेगा गुजरात तट

मौसम विभाग का अलर्ट जारी 'वायु' 13 जून को पहुंचेगा गुजरात तट

Updated on: 11 Jun 2019, 10:34 AM

नई दिल्ली:

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने गुजरात के तटवर्ती इलाकों में चक्रवाती तूफान आने की चेतावनी दी है. मौसम विभाग के अनुसार साइक्लोन वायु (VayuCyclone) वेरावल और दीव क्षेत्र के आसपास पोरबंदर और महुवा के बीच लगभग उत्तर की ओर बढ़ने और गुजरात तट को पार करने की बहुत संभावना है. आज दोपहर बाद से लेकर कल तक मुम्बई में गरज चमक के साथ बारिश का अंदेशा भी जताया गया है.

यह भी पढ़ें- मुंबई में भारी बारिश ने दिलाई लोगों को गर्मी से राहत, लेकिन हवाई यात्रा प्रभावित, उड़ानों को किया गया रद्द

मौसम विभाग ने कहा कि 13 जून को गुजरात के तटवर्ती इलाके में 50-60 किलोमीटर से लेकर 70 किलोमीटर की रफ्तार से हवा चलेगी और 13 जून को इसकी रफ्तार अरब सागर से सटे उत्तरी इलाके में 110-120 किलोमीटर से लेकर 135 किलोमीटर हो जाएगी. 

मौसम विभाग कुछ चुनिंदा रंगों का प्रयोग कर समय-समय पर अलर्ट जारी करता रहता है. जैसे रेड अलर्ट, येलो अलर्ट या फिर ऑरेंज अलर्ट. आइए जानते हैं मतलब है इन रंगों का.

ग्रीन - कोई खतरा नहीं

येलो अलर्ट - खतरे के प्रति सचेत रहें. मौसम विभाग के अनुसार येलो अलर्ट के तहत लोगों को सचेत रहने के लिए अलर्ट किया जाता है. उन्होंने बताया कि यह अलर्ट जस्ट वॉच का सिग्नल है.

ऑरेंज अलर्ट - इसका मतलब खतरा होता है. मौसम विभाग के अनुसार जैसे-जैसे मौसम और खराब होता है तो येलो अलर्ट को अपडेट करके ऑरेंज कर दिया जाता है. इसमें लोगों को इधर-उधर जाने के प्रति सावधानी बरतने को कहा जाता है.

रेड अलर्ट - मौसम विभाग के अनुसार जब मौसम खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है और भारी नुकसान होने की आशंका होती है तो रेड अलर्ट जारी किया जाता है.

इसे भी पढ़ें: The Kapil Sharma Show: कपिल शर्मा की जिंदगी में आने वाली है ये बड़ी खुशी

केरल पहुंचा मॉनसून

बता दें, इससे पहले मॉनसून केरल में भी दस्तक दे चुका है. मौसम विभाग के अनुसार एक सप्ताह की देरी के बाद मानसून शनिवार को केरल पहुंचा. देश के तमाम हिस्सों में पिछले कुछ समय से गर्मी से कोई राहत नहीं मिली है. मौसम विभाग ने कहा कि अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र बनने से गुजरात के कई हिस्सों खासकर तटीय इलाकों में भारी बारिश हो सकती है. तूफान को देखते हुए मछुआरों को समुद्र में उतरने से मना कर दिया गया है.