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मनी लॉन्ड्रिंंग मामले में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से ईडी ने की पूछताछ

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से धनशोधन से जुड़े मामले को लेकर पूछताछ की।

Updated on: 03 Apr 2018, 06:55 PM

नई दिल्ली:

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से धनशोधन से जुड़े मामले को लेकर पूछताछ की। ईडी अधिकारियों ने कहा कि इस मामले में कथित तौर पर 'अपराध से हासिल मुनाफे' के संबंध में मंत्री का बयान दर्ज किया जाएगा।

ईडी ने बीते साल अगस्त में जैन व पांच अन्य पर धनशोधन के एक मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी। ईडी ने यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की आम आदमी पार्टी (आप) नेता के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए दर्ज किया था।

सीबीआई ने अप्रैल में जैन के खिलाफ जांच की शुरुआत की और उनके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की। यह प्राथमिकी 2015-16 में 4.63 करोड़ रुपये के धनशोधन के मामले से जुड़े साक्ष्यों के आधार पर दर्ज की गई।

जैन पर कोलकाता स्थित कंपनियों -प्रयास इंफो प्राइवेट लिमिटेड, अकिचंद डेवलपर्स व मंगलायतन प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड- के जरिए अपराध में शामिल होने का आरोप है। जैन व उनकी पत्नी ने इस अवधि के दौरान इन कंपनियों के कथित तौर पर एक-तिहाई शेयर रखा था।

जैन पर 2010-12 में इन कंपनियों व दिल्ली स्थित इंडो-मेटल इंडेक्स प्राइवेट लिमिटेड के जरिए 11.78 करोड़ रुपये का धनशोधन करने का आरोप है।

जैन पर अपने कर्मचारियों व सार्वजनिक सहयोगियों के जरिए कोलकाता स्थित इंट्री ऑपरेटर्स व फर्जी कंपनियों को नकद रुपये देने का आरोप है। इसके बाद इंट्री ऑपरेटर्स ने कालेधन को प्रयास इंफो प्राइवेट लिमिटेड, अकिचंद डेवलपर्स, मंगलायन प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड व इंडो-मेटल इंडेक्स प्राइवेट लिमिटेड के शेयरों में निवेश किया। इन सभी पर कथित तौर पर जैन का नियंत्रण था।

सीबीआई ने कहा, 'शेयर अपने मूल्य के 60 गुना प्रीमियम में खरीदे गए।'

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सीबीआई अधिकारी ने कहा कि जैन ने तकनीकी तौर पर कंपनियों के निदेशक पद से 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इस्तीफा दे दिया था। अधिकारी ने यह भी कहा कि निवेश के तौर पर प्राप्त हुए धन का इस्तेमाल जैन ने 27.89 करोड़ रुपये की कृषि भूमि खरीदने में किया। यह जमीन उनके द्वारा नियंत्रित कंपनियों के नाम से खरीदी गई।

जैन ने कथित तौर पर मंत्री के रूप में अपनी शक्तियों का इस्तेमाल किया व दिल्ली सरकार द्वारा कृषि भूमि को आवासीय भूमि घोषित किया, जिससे भारी वित्तीय लाभ हासिल हो सके।

मामले को नए बेनामी लेनदेन (निषेध) संशोधन अधिनियम के तहत आयकर विभाग ने सीबीआई को भेज दिया।

आयकर विभाग ने सितंबर 2016 जैन को करीब 17 करोड़ रुपये के हवाला लेनदेने के मामले उनके कथित कंपनियों से संबंधों के बारे में पूछताछ के लिए बुलाया था।

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