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दिल्ली: ट्रकों की एंट्री और कंस्ट्रक्शन पर लगा प्रतिबंध हटा, 4 गुना पार्किंग फी का फैसला भी वापस

पिछले दिनों दिल्ली में प्रदूषण के खतरनाक स्तर तक बढ़ने और स्मॉग से धुंध जैसी स्थिति पैदा होने के बाद ट्रकों की एंट्री पर लगे बैन को हटा लिया गया है।

Updated on: 16 Nov 2017, 12:37 PM

highlights

  • प्रदूषण के खतरनाक स्तर तक बढ़ने के बाद लगाई गई थी ट्रकों की एंट्री पर रोक
  • ईपीसीए के नए निर्देश गुरुवार से लागू, ट्रकों की एंट्री पर रोक के बाद जमा हो गए थे 70,000 ट्रक

नई दिल्ली:

पिछले दिनों दिल्ली में प्रदूषण के खतरनाक स्तर तक बढ़ने और स्मॉग से धुंध जैसी स्थिति पैदा होने के बाद ट्रकों की एंट्री पर लगे बैन को हटा लिया गया है।

साथ ही निर्माण कार्य पर रोक और पार्किंग फीस में चार गुणा बढ़ोतरी को वापस लेने के लिए भी पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) ने निर्देश जारी कर दिए हैं। हालांकि, डीजल जनरेटर सेटों पर प्रतिबंध बरकरार है।

ईपीसीए के यह सभी आदेश गुरुवार से लागू हो जाएंगे। दरअसल, वायु प्रदूषण के कारण यह निर्देश जारी किए थे। दिल्ली में ट्रकों की एंट्री पर रोक 9 नवंबर को रात 11 बजे से लगाई गई थी। इस फैसले के बाद दिल्ली के बॉर्डर पर 70 हजार से अधिक ट्रक इकट्ठा हो गए थे।

यह फैसला दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और ईपीसीए के बीच हुई बैठक के बाद लिया गया था।

ऐसे ही पार्किंग शुल्क भी चार गुना बढ़ा दिए गए थे। इस कदम को लोगों को निजी परिवहन से दूर करने के प्रयास के तौर पर बताया गया था। ईपीसीए के चेयरमैन भूरे लाल ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिवों को चिट्ठी लिखकर बताया कि तत्काल प्रभाव से ट्रकों की एंट्री पर बैन हटाए जाते हैं।

हालांकि, ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (जीआएपी) के तहत बदरपुर थर्मल पावर प्लांट, स्टोन क्रशिंग, ईट की भट्टियों पर बैन लगे रहेंगे।

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