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2022 के UP चुनाव में प्रियंका गांधी मुख्यमंत्री पद की दावेदार बनें, कांग्रेसियों की मांग

उत्तर प्रदेश के 40 जिलों के कांग्रेस नेताओं ने पार्टी नेतृत्व से भविष्य में अन्य पार्टियों के साथ गठबंधन का विकल्प नहीं चुनने को कहा है.

Updated on: 13 Jun 2019, 06:56 AM

रायबरेली:

उत्तर प्रदेश के 40 जिलों के कांग्रेस नेताओं ने पार्टी नेतृत्व से भविष्य में अन्य पार्टियों के साथ गठबंधन का विकल्प नहीं चुनने को कहा है. संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी व कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से बुधवार को रायबरेली में भुएमऊ गेस्ट हाउस में मिलने वाले पार्टी नेताओं ने कहा कि पार्टी को खुद अपने पैरों पर खड़े होने का प्रयास करना चाहिए. कई कांग्रेस नेताओं ने यह भी मांग की कि 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रियंका को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बनाया जाए.

बैठक में मौजूद पूर्व सांसद डॉ संजय सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा, "सभी उपस्थित लोग इस बात पर एकमत थे कि हमें बिना किसी गठजोड़ के आगे बढ़ना चाहिए. हमें कांग्रेस को मजबूत करने और कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने की जरूरत है."

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सोनिया गांधी लोकसभा चुनाव में अपनी जीत के लिए मतदाताओं का आभार जताने के लिए बुधवार को प्रियंका के साथ रायबरेली में थीं.इस मौके पर कांग्रेस उम्मीदवारों व पूर्वी उत्तर प्रदेश के 40 जिले के पदाधिकारियों की बैठक भी हुई.

कुछ उम्मीदवारों ने ईवीएम गड़बड़ी की बात कही और कहा कि इससे भाजपा को बढ़त मिली. एक उम्मीदवार ने पहचान नहीं जाहिर करने की शर्त पर कहा, "हममें से कुछ ने नेताओं से कहा कि लोगों ने कांग्रेस को वोट दिया, लेकिन नतीजे भाजपा के पक्ष में रहे. अन्य नेताओं ने कहा कि सांप्रदायिक कारकों ने वोटों का ध्रुवीकरण किया, जिससे कांग्रेस हार गई."

प्रियंका गांधी ने पार्टी नेताओं-कार्यकर्ताओं से आगामी 12 विधानसभा सीटों के उप चुनाव के बारे में पूछा और इनमें से बहुतों की राय थी कि पार्टी को नए आत्मविश्वास के साथ इन सीटों पर लड़ना चाहिए.

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गौरतलब है कि इससे पहले पार्टी के नेताओं का मानना था कि कांग्रेस को उपचुनाव लड़ने से बचना चाहिए क्योंकि एक और हार से कैडर का मनोबल गिरेगा.सोनिया गांधी रायबरेली में आभार प्रकट करने के लिए रात्रिभोज की मेजबानी करेंगी, जिसमें 2,500 पार्टी कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया गया है.

लोकसभा चुनावों के बाद सोनिया गांधी व प्रियंका गांधी का यह रायबरेली का पहला दौरा है. हाल के चुनावों में उत्तर प्रदेश में रायबरेली एकमात्र सीट है, जिस पर कांग्रेस की जीत हुई है.