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गंगा आंदोलन पर चार महीने से बैठे संत गोपालदास संदिग्ध परिस्थितियों में दून अस्पताल से गायब

गंगा संरक्षण को लेकर लगभग पिछले चार महीने से उपवास पर बैठे संत गोपालदास बुधवार को संदिग्ध परिस्थितियों में अस्पताल से लापता हो गए हैं.

Updated on: 06 Dec 2018, 02:30 PM

नई दिल्ली:

गंगा संरक्षण को लेकर लगभग पिछले चार महीने से उपवास पर बैठे संत गोपालदास बुधवार को संदिग्ध परिस्थितियों में अस्पताल से लापता हो गए हैं. इस बारे में ज़्यादा जानकारी देते हुए क्षेत्राधिकारी (Circle Officer) चंद्र मोहन सिंह ने माना है कि वो अस्पताल से लापता हैं. उन्होंने कहा कि हमलोग सीसीटीवी फ़ुटेज खंगाल रहे हैं और उन्हें ढूंढ़ने की कोशिश कर रहे हैं. सर्किल ऑफ़िसर ने कहा, 'हमें देहरादून स्थित दून अस्पताल से जानकारी मिली है कि संत गोपालदास जो पिछले दिनों अस्पताल में भर्ती किए गए थे लापता हो गए हैं. उन्हें ढूंढ़ने के प्रयास जारी है इस दिशा में कार्रवाई करते हुए अस्पताल के सीसीटीवी फ़ुटेज खंगाले जा रहे हैं.'

बता दें कि संत गोपाल दस पिछले कई महीनों से उत्तराखंड के अलग-अलग जगहों पर अनशन कर रहे थे. इससे पहले भी तबीयत बिगड़ने की वजह से संत गोपाल दास को दिल्ली और ऋषिकेष के एम्स में भर्ती कराया गया था. गोपालदास काफी समय से बीमार चल रहे हैं. काफी समय से अनशन पर रहने की वजह से डॉक्टर उनके शरीर में नली डालकर पानी और जूस और अन्य तरल पदार्थ दे रहे थे.

बता दें कि इससे पहले गंगापुत्र स्वामी सानंद (प्रोफेसर जीडी अग्रवाल) का दिल का दौरा पड़ने के कारण 12 अक्टूबर को AIIMS में निधन हो गया था. देशभर में गंगा के लिए सशक्त कानून बनाने की मांग कर रहे स्वामी सानंद ऋषिकेश (प्रोफेसर जीडी अग्रवाल) 22 जून से अनशन पर थे.

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87 साल के जीडी अग्रवाल प्रोफेसर और इंडियन सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड में सदस्य भी रह चुके थे. स्वामी सानंद सन्यासी का जीवन जी रहे थे. स्वामी सानंद गंगा नदी की स्वच्छता से जुड़े तमाम मुद्दों पर सरकार तक अपनी आवाज़ पहुंचा चुके हैं. स्वामी सानंद ने इस साल फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर गंगा के लिए अलग कानून बनाने की मांग की थी. सरकार की तरफ से किसी प्रकार की पहल न होने पर वे 22 जून से अनशन पर थे.