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पटना में बोले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, 'आजादी की लड़ाई में चंपारण बना प्रयोगशाला, सत्याग्रह को पहचान मिली'

राष्ट्रपति ने अपने हाथों से 15 स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया। राष्ट्रपति ने इस मौके पर महात्मा गांधी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया।

Updated on: 18 Apr 2017, 12:25 AM

highlights

  • 'चंपारण सत्याग्रह' के 100 साल पूरे होने पर पटना पहुंचे थे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
  • लालू यादव भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे, बीजेपी ने किया बहिष्कार
  • राजनाथ सिंह को भी इस कार्यक्रम में लेना था हिस्सा, लेकिन वह नहीं आए

 

पटना:

पटना में 'चंपारण सत्याग्रह' के 100 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित स्वतंत्रता सेनानी सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को कहा कि आजादी की लड़ाई में चंपारण प्रयोगशाला बना और सत्याग्रह को पहचान मिली। इस कार्यक्रम में राज्य सरकार ने सभी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया था, परंतु भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने सजायाफ्ता लालू प्रसाद के कार्यक्रम में मौजूद होने के आधार पर कार्यक्रम का बहिष्कार किया।

राष्ट्रपति ने श्रीकृष्ण स्मारक भवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज युवाओं को संघर्षपूर्ण इतिहास को न केवल समझने की जरूरत है बल्कि इसे आत्मसात करने की भी जरूरत है।

राष्ट्रपति ने कहा, 'स्वतंत्रता सेनानियों का जुल्म के खिलाफ अमूल्य योगदान रहा है, जिसे भुलाया नहीं जा सकता। भारत विकासशील अर्थव्यवस्था है और अब हमें विकसित भारत के सपने को साकार करना है।'

मुखर्जी ने कहा, 'स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए अविस्मरणीय योगदान दिया। तमाम स्वतंत्रता सेनानियों का मैं नमन करता हूं।'

इस आयोजन के लिए उन्होंने बिहार सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि बिहार का इतिहास स्वर्णिम रहा है।

राष्ट्रपति ने कहा, 'भारत में लोग अपने दैनिक कार्यो के लिए करीब 200 भाषाओं का इस्तेमाल करते हैं और यहां सात प्रमुख धर्म है। बावजूद इसके लोग एक पहचान 'मैं भारतीय हूं', एक तिरंगा और एक संविधान के अंदर कार्य करते हैं। यह इस देश की खूबी है।'

उन्होंने कहा, 'महात्मा गांधी ने पूरे देश को एक सूत्र में बांधकर स्वतंत्रता के सपने को पूरा किया। हमें भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए। यह मेरा सौभाग्य है कि मैंने भारत जैसे देश में जन्म लिया।"

उन्होंने बिहार के स्वर्णिम इतिहास को याद करते हुए कहा, 'बिहार का अपना एक इतिहास रहा है। चंपारण सत्याग्रह ने ही मोहनदास करमचंद गांधी को महात्मा गांधी बना दिया। महात्मा गांधी ने बिहार को अपनी कर्मस्थली बनाई। गांधी ने देश के लिए जो कुछ किया, उसे भूलाया नहीं जा सकता।'

राष्ट्रपति ने अपने हाथों से 15 स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया। राष्ट्रपति ने इस मौके पर महात्मा गांधी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कार्यक्रम में शामिल हुए अतिथियों का आभार व्यक्त किया और जो नहीं आए, उन्हें भी अलग से धन्यवाद कहा। नीतीश कुमार ने बीजेपी नेताओं पर तंज कसते हुए कहा, 'इस कार्यक्रम को पार्टी के नहीं, वैचारिक दृष्टिकोण से देखने की जरूरत थी।'

उन्होंने कहा कि जब देश में टकराव और असहिष्णुता का वातावरण बना हुआ है, उसमें गांधी के विचार को लेकर ही आगे बढ़ा जा सकता है।

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस अवसर पर कहा, 'महात्मा गांधी के नेतृत्व में देश के सभी पंथों के लोगों ने एकजुट होकर आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया। सभी ने एक होकर अजादी की लड़ाई लड़ी और हम आजाद हुए।'

राहुल ने कहा कि महात्मा गांधी ने विभिन्न धर्मो और विविध क्षेत्रों के लोगों को एकजुट किया।

राहुल ने कहा कि सत्ता और सच्चाई में अंतर हो सकता है। उन्होंने कहा, 'जरूरी नहीं है कि जिनके पास सत्ता हो, वे सच्चे भी हों।' राहुल ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ महात्मा गांधी के आजादी के आंदोलन के संदर्भ में यह बात कही।

राहुल ने कहा, 'हिंदुत्व सच्चाई के अलावा और कुछ नहीं है। यह धर्म हमें सच्चाई का समर्थन करने और अन्याय के खिलाफ लड़ने की शिक्षा देता है। गीता हमें क्या सिखाती है, यही कि सिर्फ सत्य बोलें और सत्य का ही आचरण करें।'

चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष पर राज्य सरकार ने देश के 2,972 स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया। पटना के श्रीकृष्ण स्मारक भवन में आयोजित समारोह में जहां 818 सेनानियों को सम्मानित किया गया, वहीं 2154 सेनानियों को उनके घरों पर जाकर सम्मानित किया जाएगा। इस कार्यक्रम को राज्याल रामनाथ कोविंद और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने भी संबोधित किया।

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उल्लेखनीय है कि महात्मा गांधी ने चंपारण जिले में अंग्रेज शासकों द्वारा नील की खेती के लिए किसानों को बाध्य करने के खिलाफ 10 अप्रैल 1917 को सत्याग्रह की शुरुआत की थी। इसके सौ साल पूरे होने पर बिहार में बीते सप्ताह से समारोहों की शुरुआत हुई।

इस समारोह में गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी हिस्सा लेने वाले थे, लेकिन कार्यक्रम के राजनीतिकरण का आरोप लगाते हुए उन्होंने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया।

भाजपा की बिहार इकाई के पूर्व अध्यक्ष मंगल पांडेय ने कहा, 'राजनाथ सिंह इस कार्यक्रम के राजनीतिकरण से आहत हैं। कार्यक्रम में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के मंच साझा करने से स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान नहीं, अपमान किया जा रहा है।'

इस कार्यक्रम में भाजपा नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल किसी दल के नेताओं ने शिरकत नहीं की।

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