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बिहार में बाढ़ की समस्या के दौरान घोटाले पर बात करना शर्मनाक: सुशील मोदी

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव के विधानसभा में सृजन घोटाले के विरोध को शर्मनाक बताया है।

Updated on: 23 Aug 2017, 06:32 PM

highlights

  • बिहार विधानसभा में तीसरे दिन भी हंगामा, सुशील मोदी से सृजन घोटाले पर इस्तीफे की मांग की
  • आरजेडी की 27 अगस्त को 'बीजेपी हटाओ, देश बचाओ' रैली में शामिल होंगे कई बड़े नेता
  • राजनीतिक रैली में शामिल होना बाढ़ पीड़ितों के घावों पर नमक छिड़कने जैसा होगा: मोदी

नई दिल्ली:

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव के विधानसभा में सृजन घोटाले के विरोध को शर्मनाक बताया है।

बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन तेजस्वी यादव ने फिर सुशील मोदी से सृजन घोटाले पर इस्तीफे की मांग की और हंगामा किया।

बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा, 'बिहार के लोग बाढ़ के कारण कई समस्याएं झेल रहे हैं, मुख्यमंत्री लगातार दौरे कर रहे हैं, पूरा बिहार सरकार बाढ़ से प्रभावित 1.5 करोड़ पीड़ितों को राहत कार्य पहुंचाने में लगा हुआ है और मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी इस समय रैली आयोजित करने जा रही है। यह शर्मनाक है।'

मोदी ने कहा, 'मैं लालू जी से अपील करता हूं कि वह अपनी रैली को रद्द करें और बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करें और बिहार सरकार के प्रयासों को देखें। मैं तेजस्वी यादव से भी अपील करता हूं, जो कि अपने जीवन में बाढ़ को नहीं देख पाए हैं। उन्हें कभी इस तरह का मौका नहीं मिला होगा, इसलिए बाढ़ कैसा होता है अब उनके पास इसे देखने का मौका है।'

सुशील मोदी ने राहुल गांधी, मायावती, ममता बनर्जी और सभी बड़े राजनेताओं से भी अपील किया है कि 27 अगस्त को होने वाले रैली में शामिल होने के बजाय, बाढ़ से पीड़ित लोगों को मदद पहुंचाने बिहार आएं। ऐसी परिस्थिति में राजनीतिक रैली में शामिल होना बाढ़ पीड़ितों के घावों पर नमक छिड़कने जैसा होगा।

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दरअसल, भागलपुर के 1000 करोड़ रुपये के सृजन घोटाले ने बिहार की राजनीति में नया हंगामा खड़ा कर दिया है। इसमें 2005 से 2013 के बीच सरकारी फंड्स को निजी बैंक खातों में भेजने का मामला सामने आया है। दिलचस्प यह है कि इस दौरान सुशील मोदी बिहार के वित्त मंत्री रहे थे।

रिपोर्ट्स के अनुसार, जनता के पैसे जो कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन के बैंक खातों में रखे जाते थे, उसे एक सृजन नाम के एनजीओ, उसके कर्मचारियों और बैंक अधिकारियों के बैंक खातों में जमा कर दिए गए थे।

सृजन एनजीओ मनोरमा देवी के द्वारा स्थापित किया गया था और उसके मरने के बाद अब उसके बेटे और बहू के द्वारा चलाया जा रहा है। 

हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस घोटाले का भंडाफोड़ होने के बाद सीबीआई जांच की सिफारिश कर चुके हैं।

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