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विश्वविद्यालयों में सुधार के लिए कठोर निर्णय लेने से हिचकेंगे नहीं : बिहार राज्यपाल

उन्होंने कहा कि राज्य में विश्वविद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के प्रयासों को गति प्रदान की कोशिश की जा रही है, जिसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

Updated on: 15 Mar 2019, 12:09 AM

नई दिल्ली:

बिहार के राज्यपाल और कुलाधिपति लाल जी टंडन ने यहां गुरुवार को कहा कि व्यापक शिक्षा हित और कार्यहित में उन्हें अगर कठोर निर्णय भी लेने पड़े तो वे हिचकेंगे नहीं. उन्होंने कहा कि राज्य में विश्वविद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के प्रयासों को गति प्रदान की कोशिश की जा रही है, जिसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. टंडन की अध्यक्षता में यहां राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक हुई, जिसमें राज्य में उच्च शिक्षा के विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों को गति प्रदान करने एवं पूर्व में लिए गए निर्णयों की समीक्षा की गई.

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राज्यपाल ने बैठक में कहा, "सभी कुलपतियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे अपने पद की गरिमा के अनुरूप विश्वविद्यालयों में शिक्षण-व्यवस्था में सुधार-प्रयासों को पूरी गंभीरता, पारदर्शिता और तत्परतापूर्वक करेंगे. पिछले दिनों लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों से जिन सुधारों की शुरुआत हो चुकी है, उन्हें गति प्रदान करना जरूरी है."

राज्यपाल ने कहा कि आज संसाधनों की कोई कमी नहीं है. सभी योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों को कुछेक गांवों को गोद लेकर वहां साक्षरता, नशा उन्मूलन, दहेज प्रथा उन्मूलन, स्वच्छता अभियान, पौधरोपण, कन्या भ्रूणहत्या निषेध कार्यक्रमों को करने पर भी ध्यान देना चाहिए.

राज्यपाल ने वित्तीय अनुशासन और प्रबंधन पर बल देते हुए कहा कि हर हालत इन चीजों को दुरुस्त रखा जाना चाहिए.

बैठक में राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के अतिरिक्त राज्यपाल के परामर्शी (उच्च शिक्षा) प्रो़ आऱ सी़ सोबती और शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे.