logo-image

कढ़ी-चावल और खीर के शौकीन थे अटल बिहारी वाजपेयी, जानें क्यों जाते थे वो गोरखपुर

भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी की बात हो और गोरखपुर उन्हें याद न करें, शायद ही ऐसा हो। अटल जी का गोरखपुर से गहरा नाता रहा है।

Updated on: 16 Aug 2019, 09:14 AM

यूपी:

भारत रत्न अटल बिहारी जी की बात हो और गोरखपुर उन्हें याद न करें, शायद ही ऐसा हो। अटल जी का गोरखपुर से गहरा नाता रहा है। यहां के दुर्गाबाड़ी चौक पर स्थित कृष्णा सदन आज भी इस नाते की गवाही देता है। दरअसल, अटल बिहारी वाजपेयी के बड़े भाई प्रेम बिहारी वाजपेयी की शादी गोरखपुर के स्वर्गीय मथुरा प्रसाद दीक्षित की बेटी रामेश्वरी उर्फ बिट्टन से साल 1940 में हुई थी।

उस वक्त 15 साल के किशोर अटल यहां सहबाला बनकर आए थे। मथुरा प्रसाद दीक्षित के दोनों बेटे कैलाश नारायण दीक्षित और सूर्यनारायण दीक्षित उनसे उम्र में थोड़े छोटे थे, लेकिन उनको खूब पीटते थे।

ये भी पढ़ें: दिल्ली मेट्रो में सफर करने वाले पहले यात्री थे अटल बिहारी वाजपेयी, पढ़ें पहली बार कहां गए थे

कढ़ी-चावल और खीर थी बेहद पसंद

अटल जी की मां जब तक जीवित थीं, तब तक वे ग्वालियर छुट्टियां बिताते थे, लेकिन उनके निधन के बाद वे गोरखपुर आने लगे। यहां सभी लोग अटल जी के शौक से वाकिफ थे। उन्हें कढ़ी चावल और खीर बेहद पसंद थी।

घर को राजनीति से रखते थे दूर

गोरखपुर के दीक्षित परिवार के लोगों का कहना है कि अटलजी जब भी गोरखपुर आते थे तो उनके परिवार में लोगों से मिलने जरूर आते थे, लेकिन राजनीति वह घर की दहलीज के बाहर ही रखते थे।

परिवार के साथ बैठती थी महफिल

घर में वह एक ऐसे अटल के रूप में आते थे, जिसको कढ़ी चावल और घर का बना हुआ घरेलू सामान ही ज्यादा पसंद होता था। इस परिवार के साथ अटल जी की महफिलें बैठा करती थीं और उन महफ़िलों में अटलजी गीत गाया करते थे।

ये भी पढ़ें: अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ी 50 खबरें सिर्फ NewsState.com पर

कभी नहीं उठाया पद का लाभ

परिवार के लोगों का कहना है कि जब वह प्रधानमंत्री बने तो कुछ लोगों ने उनसे मिलकर नौकरी के बारे में बात करनी चाही, लेकिन अटल जी ने साफ मना कर दिया। उन्होंने अपनी योग्यता के आधार पर काम पाने की सलाह दी।

अटल जी के परिजनों से उनके संस्मरणों के बारे में बात की संवाददाता दीपक श्रीवास्तव ने।